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महाराष्ट्र की राजनीति में अटकलें काफी दिनों से थीं कुछ बड़ा होने वाला है। लेकिन यह उम्मीद शायद ही किसी को थी कि अजित पवार फिर से एक बार देवेंद्र फडणवीस के साथ आ सकते हैं। वहीं इस पर एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले का बयान आया है। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ वह दुखद है।
अजित पवार रहेंगे हमेशा मेरे बड़े भाई
रविवार देर रात मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि शरद पवार ने सभी के साथ एक परिवार की तरह व्यवहार किया और वह हमारे वरिष्ठ नेता हैं। उनकी प्रतिक्रिया थी कि हम एक लोकतांत्रिक देश में रह रहे हैं, जहां हर किसी को अपनी बात कहने और अपनी बात रखने का अधिकार है। अजित पवार का यह कदम उनका अपना फैसला है। अजित पवार के साथ मेरा रिश्ता नहीं बदलेगा, वह हमेशा मेरे बड़े भाई रहेंगे।
एनसीपी के अंदर कभी भी नफरत या कोई गलतफहमी नहीं
आगे सुप्रिया सुले ने कहा कि एनसीपी के अंदर कभी भी नफरत या कोई गलतफहमी नहीं थी। अजित पवार के विचार अलग थे और हमारे अलग हैं। हम अपने सभी विधायकों का सम्मान करते हैं। मैं हमेशा पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से बात करती हूं, कल भी मैं उनसे (पार्टी नेताओं और सदस्यों) बात करूंगी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसियों पर किया कटाक्ष
सांसद सुप्रिया सुले ने राष्ट्रीय जांच एजेंसियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में हम उन्हें आईसीई (आयकर, सीबीआई और ईडी) कहते हैं। अधिकांश समय वे (राष्ट्रीय एजेंसियां) विपक्षी नेताओं से पूछताछ करती हैं। मैं उन अधिकारियों को कभी दोष नहीं देती जो वहां काम कर रहे हैं लेकिन यह दूसरी तरफ से हो रहा था, मैं इन चीजों को आईसीई कहती हूं।
24 घंटे चुनावी मूड में रहती है भाजपा
आगे उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा 24×7 घंटे चुनावी मूड में रहती है। एनसीपी को भ्रष्ट पार्टी कहने वाली भाजपा अब हमारे नेताओं का स्वागत कर रही है। भाजपा के उम्मीदवार कौन होंगे, इस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती, मैं दूसरों की जिंदगी के अंदर झांकने के बजाय अपने काम पर ध्यान केंद्रित करूंगी। मैं हमेशा एनसीपी और सच्चाई के साथ हूं, मुझे हर दिन इस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अजित पवार का विद्रोह मेरे लिए एक नई चुनौती है।
असफल डबल इंजन सरकार का अजित पवार तीसरा पहिया
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने रविवार को महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राकांपा नेता अजित पवार के बाद असफल डबल इंजन सरकार के पास अब तीसरा पहिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में राजनीति में लड़ाई स्वार्थी और सिद्धांतवादी के बीच है। अजित पवार ने रविवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में जबरदस्त विद्रोह कर दिया, जिससे विभाजन हो गया और उपमुख्यमंत्री बनने के लिए उन्होंने महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन से हाथ मिला लिया। पार्टी के आठ अन्य नेताओं को मंत्री के रूप में शामिल किया गया।
हम जल्द से जल्द ठोस दस्तावेज भेजेंगे
एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि हमने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अयोग्यता याचिका दायर की है और हम जल्द से जल्द ठोस दस्तावेज भेजेंगे। यह अयोग्यता याचिका 9 नेताओं के खिलाफ दायर की गई। उन्होंने किसी को यह नहीं बताया कि वे वह पार्टी छोड़ रहे हैं जो एनसीपी के खिलाफ है। हमने भारत चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा है। हम इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं, इन 9 नेताओं ने ऐसा करने (पार्टी छोड़ने) से पहले हमें सूचित नहीं किया। हमें विश्वास है कि अधिकांश विधायक एनसीपी में वापस आएंगे और हम उन्हें फिर से स्वीकार करेंगे।