नितिन देसाई
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
महाराष्ट्र के रायगड जिले का इरशालवाड़ी गांव 19 जुलाई की रात भूस्खलन की वजह से तबाह हो गया था। इस घटना के बाद कला निर्देशक नितिन देसाई ने पीड़ित लोगों की मदद की थी और उनके लिए तंबू भेजे थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को यह बात कही। 57 वर्षीय देसाई ने दो अगस्त को कर्जत स्थित अपने एनडी स्टूडियो में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
इरशालवाड़ी में भूस्खलन के बाद रायगड के पुलिस अधीक्षक सोमनाथ घार्गे अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। इस दौरान एक स्थानीय व्यक्ति ने उन्हें बताया कि बारिश में बचे लोगों के पास कोई आश्रय नहीं है। इसके बाद एसपी घार्गे ने देसाई को फोन किया, क्योंकि घटनास्थल उनका स्टूडियो कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और उनसे पूछा कि क्या वह ग्रामीणों की मदद के लिए कुछ टेंट की व्यवस्था कर सकते हैं।
एसपी घार्गे ने कहा कि कुछ ही घंटों के भीतर देसाई ने अपने लोगों के जरिए टेंट इरशालवाड़ी तक पहुंचा दिया। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘वह वास्तव में बहुत अच्छे इंसान थे। उन्होंने एक फोन कॉल पर मदद की। साथ ही यह भी पूछा कि वह ग्रामीणों के लिए और क्या कर सकते हैं।’