Odisha Train Accident: सरकार ने संसद में बताई हादसे की वजह, सिग्नलिंग सर्किट में गड़बड़ी से हुई दुर्घटना

Odisha Train Accident: सरकार ने संसद में बताई हादसे की वजह, सिग्नलिंग सर्किट में गड़बड़ी से हुई दुर्घटना



ओडिशा रेल दुर्घटना
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा को बताया कि ‘सिग्नलिंग-सर्किट-परिवर्तन’ में चूक के कारण गलत सिग्नल दिया गया और इसी वजह से दो जून को ओडिशा के बालासोर जिले में दुखद ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना हुई। इस हादसे में 295 लोगों की जान चली गई थी। अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में कहा कि रेलवे में पिछले पांच साल में सिग्नल फेल होने के 13 मामले सामने आए हैं, लेकिन इंटरलॉकिंग सिग्नल प्रणाली में खराबी के कारण कोई घटना नहीं हुई। रेल मंत्री वैष्णव ने दो जून को ओडिशा के बालासोर में हुई रेल दुर्घटना को लेकर विभिन्न सदस्यों के सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।

पहली बार रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट से विवरण साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, सिग्नल सर्किट-परिवर्तन में चूक के कारण और इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के प्रतिस्थापन से संबंधित सिग्नलिंग कार्य के निष्पादन के दौरान पीछे से टक्कर हुई थी। इन खामियों के कारण ट्रेन संख्या 12841 को गलत सिग्नल दिया गया। जिसमें यूपी होम सिग्नल ने स्टेशन की यूपी मुख्य लाइन पर रन-थ्रू मूवमेंट के लिए हरे रंग का संकेत दिया, लेकिन यूपी मुख्य लाइन को यूपी लूप लाइन (क्रॉसओवर 17 ए/बी) से जोड़ने वाले क्रॉसओवर को यूपी लूप लाइन पर सेट किया गया था; गलत सिग्नलिंग के परिणामस्वरूप ट्रेन नंबर 12841 यूपी लूप लाइन पर चली गई और अंततः वहां खड़े मालगाड़ी (नंबर एन/डीडीआईपी) के साथ पीछे से टक्कर हो गई। मंत्री राज्यसभा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता जॉन ब्रिटास और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह के सवालों का जवाब दे रहे थे।

बता दें कि दो जून को हुई दुखद ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना में चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा जाने वाली शालीमार एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी। वैष्णव ने कहा कि 295 यात्रियों की जान चली गई, जबकि 176 को गंभीर चोटें आईं, 451 को साधारण चोटें आईं और 180 को प्राथमिक उपचार मिला और वे घर चले गए।








Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *