बीआरएस नेता केटी रामाराव
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बीती 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई, जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ने की बात कही गई। हालांकि अब भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने विपक्षी एकता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और तेलंगाना सरकार के मंत्री केटी रामाराव ने परोक्ष रूप से कहा है कि विपक्षी पार्टियां पद की लालसा में एकजुट हो रही हैं।
विपक्षी एकता की खोली पोल
केटी रामाराव ने एक इंटरव्यू के दौरान विपक्षी एकता की पोल खोलते हुए कहा कि ‘राजनीतिक लड़ाई सिद्धांतों के आधार पर होनी चाहिए। दुर्भाग्य से हम इससे भटक रहे हैं। हम देख रहे हैं कि किसी से घबराकर और उसे पद से हटाकर किसी और को बैठाने के लिए ये सब हो रहा है। लेकिन एजेंडा ये नहीं होना चाहिए। देश की आधारभूत प्राथमिकताओं और लोगों की भलाई के आधार पर एजेंडा होना चाहिए।’
तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश में बीआरएस
बीआरएस नेता ने कहा कि आपको किसी के खिलाफ नहीं बल्कि किसी वजह से इकट्ठा होना चाहिए। लेकिन वह वजह क्या है किसी को भी इसके बारे में नहीं पता है। बता दें कि पटना में हुई विपक्ष की बैठक से बीआरएस ने दूरी बनाकर रखी। बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव भाजपा और कांग्रेस से अलग तीसरा मोर्चा बनाने के लिए प्रयासरत हैं।
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कांग्रेस और भाजपा पर साधा निशाना
केटी रामाराव ने भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘कांग्रेस ने देश पर 50 साल राज किया है और भाजपा ने 15 साल, अगर दोनों पार्टियों ने ठीक तरह से काम किया होता तो आज ऐसे हालात नहीं होते। देश के पिछड़ेपन के लिए दोनों पार्टियां जिम्मेदार हैं।’ बीआरएस नेता ने कहा कि ‘आज देश में सबसे अहम रोजगार, किसानों की संपन्नता, सिंचाई और ग्रामीण आजीविका है। ये चीजें अहम हैं ना कि हिजाब या हलाल या धर्म को लेकर बकवास।’