Opposition Meeting : वाम ने विपक्षी एकता के गठबंधन का नया नाम बताया; UPA पर कांग्रेस करेगी समझौता?

Opposition Meeting : वाम ने विपक्षी एकता के गठबंधन का नया नाम बताया; UPA पर कांग्रेस करेगी समझौता?



विपक्षी एकता के नाम पर संशय।
– फोटो : अमर उजाला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ पटना में 23 जून को हुई बैठक के बाद मीडिया के किसी सवाल का जवाब दिए बगैर सारे नेता निकल गए। 15 दलों की बैठक हुई, 14 के नेता मीडिया के सामने आए और अपनी बात कहकर उठ गए। बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार के मुखिया नीतीश कुमार ने बैठक बुलाई थी। देश में भाजपा के खिलाफ सबसे बड़े गठबंधन यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी के बेटे और कांग्रेस के नंबर वन नेता राहुल गांधी इस बैठक में आए थे। बैठक के बाद नाम की घोषणा नहीं हुई, लेकिन अब वामपंथी नेता डी. राजा ने विपक्षी एकता के लिए जुटे दलों के गठबंधन का नया नाम जाहिर किया है।

PDA नाम पर शिमला में लगेगी मुहर: डी. राजा

15 में से 14 दल मीडिया के सामने आए थे। उन 14 दलों ने भी नए नाम की घोषणा नहीं की। अब भारतीय कॉम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी. राजा ने बताया कि भाजपा-विरोधी दलों की शिमला में अगले महीने होने वाली बैठक में देशभक्त लोकतांत्रिक गठबंधन (patriotic democratic alliance) के नाम पर मुहर लग जाएगी। बिहार में पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक के बाद राजा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बुलावे पर देशभर से 23 जून को जुटे दलों ने भाजपा को सत्ता से हटाने का प्रण ले लिया है। इसकी रूपरेखा तैयार करने के लिए शिमला में बैठक होगी तो गठबंधन के नए नाम और नए संयोजक की घोषणा कर दी जाएगी।

UPA की सर्वेसर्वा हैं सोनिया, आसान नहीं विघटन

चाणक्य स्कूल ऑफ पॉलिटिकल राइट्स एंड रिसर्च के अध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा कहते हैं- “जाहिर तौर पर करीब डेढ़ दर्जन दलों को मिलाकर चुनाव लड़ने वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) के लिए उसे भंग करने का निर्णय लेना आसान नहीं होगा। ऐसा इसलिए भी कि उसकी चेयरपर्सन सोनिया गांधी हैं और नए नाम से ऐसा गठबंधन बना तो उनकी भूमिका खत्म हो जाएगी। इसके अलावा यह भी ध्यान देने वाली बात है कि यूपीए के रहते देश स्तर पर एक नए गठबंधन का सामने आना भी मुश्किल है। जहां तक महागठबंधन का सवाल है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुखिया हैं और वह नाम को लेकर कोई जिद नहीं ठानेंगे। राजद भी महागठबंधन का अस्तित्व बिहार तक स्वीकार करेगा, इसलिए यहां संकट नहीं है।”

बिहार में प्रवक्ता भी कुछ नहीं बोल पा रहे

विपक्षी एकता के लिए जुटे भाजपा-विरोधी दलों ने बैठक के बाद नए नाम की घोषणा नहीं की और अब वामपंथी राष्ट्रीय नेता ने नया नाम बताकर नई बहस छेड़ दी है। इस बारे में बिहार में राजनीतिक दलों के प्रवक्ता सीधे कुछ नहीं बोल पा रहे। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि देश में यूपीए अस्तित्व में है, जिसकी चेयरपर्सन सोनियाजी हैं। उसे खत्म करने या नया गठबंधन बनाने का फैसला राष्ट्रीय स्तर के नेता ही कर सकते हैं। वहीं अमर उजाला से बातचीत के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेता ने कहा कि बैठक में नाम को लेकर कोई बात नहीं हुई। अब तक इस बारे में ऐसा कोई फैसला नहीं है। अगर कोई नाम आता भी है तो कांग्रेस इसपर विचार करेगी। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि महागठबंधन के आह्वान पर पटना में बैठक हुई थी। बैठक में किसी नए नाम को फाइनल किया जाता तो इसकी जानकारी दी भी जाती और हमारे पास भी होती।



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