पाकिस्तान का झंडा
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पाकिस्तान की मीडिया निगरानी संस्था वॉचडॉग ने सेना और पिछली सरकार की आलोचना करने वाले करीब एक दर्जन लोगों पर कार्रवाई की। उसने चैनलों को आदेश दिए हैं कि वह पत्रकारों सहित 11 लोगों को टीवी डिबेट या किसी कार्यक्रम में जगह न दे। बता दें, जिन लोगों पर सख्ती की गई है, उन पर सेना और शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पिछली सरकार की आलोचना करने का आरोप है। साथ ही अदालत से अपराधी या भगोड़ा घोषित किए जा चुके हैं।
टीवी पर नहीं दिख सकेंगे लोग
पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (PEMRA) ने सिंध उच्च न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए शनिवार को एक निर्देश जारी किया कि ऐसे लोग टेलीविजन पर दिखने जैसे कुछ अधिकारों का लाभ नहीं ले सकेंगे। कहा गया है कि इन अपराधियों को PEMRA अध्यादेश 2002 की धारा 27 के तहत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कवरेज पर रोक लगाई जाती है। टीवी चैनल इन व्यक्तियों की किसी भी खबर, रिपोर्ट, बयान या टिकर को प्रसारित करने से परहेज करें। साथ ही निर्देश के उल्लंघन के मामले में समाचार चैनलों को गंभीर दंड की चेतावनी दी है। इसके साथ ही पेमरा ने मामले को शिकायत परिषद के पास भी भेज दिया है।
इन लोगों पर हुई कार्रवाई
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साबिर शाकिर
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मोइद पीरजादा
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वजाहत सईद खान
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शाहीन सहबाई
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आदिल फारूक राजा
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अली नवाज अवान
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मुराद सईद
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हम्माद अजहर
इमरान खान के माने जाते हैं समर्थक
रिपोर्ट में कहा गया है कि शाकिर, पीरजादा, सईद खान और सेहबाई ऐसे पत्रकार हैं, जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का समर्थक माना जाता है। इनमें से सईद, अवान और अजहर खान इमरान सरकार का भी हिस्सा थे। वहीं, आदिल फारूक राजा एक पूर्व सेना प्रमुख हैं, जो ब्रिटेन में रहते हैं। खान के साथ किए गए व्यवहार के कारण सेना के बेहद आलोचक रहे हैं।