Pakistan: शहबाज शरीफ ने इमरान को बताया नौ मई के दंगों का ‘मास्टरमाइंड’, कहा- सैन्य नेतृत्व को गिराना था मकसद

Pakistan: शहबाज शरीफ ने इमरान को बताया नौ मई के दंगों का ‘मास्टरमाइंड’, कहा- सैन्य नेतृत्व को गिराना था मकसद



पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ
– फोटो : Social Media

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि इमरान खान नौ मई को पूरे पाकिस्तान में हुए अभूतपूर्व सरकार विरोधी प्रदर्शनों के ‘मास्टरमाइंड’ थे और इसका मकसद सैन्य नेतृत्व को गिराना था। पीटीआई पार्टी के प्रमुख खान को नौ मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद देशभर में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए थे। खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।

दंगों के दौरान रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय सहित दर्जनों सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी इमारतों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया या आग लगा दी गई। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के 100 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में शरीफ ने कहा कि कुछ पुरुष, महिलाएं और उनके परिवार नौ मई की घटनाओं में शामिल थे, जिसे शक्तिशाली सेना ने ‘काला दिवस’ करार दिया था। उन्होंने कहा, ‘नौ मई की घटनाओं में शामिल लोग सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकना चाहते थे।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि योजनाकार देश में ‘अराजकता’ और ‘युद्ध’ चाहते हैं। शरीफ के हवाले से खबर में कहा गया है कि पीटीआई अध्यक्ष खान नौ मई की घटनाओं का मास्टरमाइंड है।

 

हिंसक प्रदर्शनों के बाद, कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने पूरे पाकिस्तान में 10,000 से अधिक पीटीआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया, जिनमें से 4,000 केवल पंजाब प्रांत से थे। खान के अनुसार, हिंसा में पीटीआई के 16 से अधिक कार्यकर्ता मारे गए। पुलिस ने मरने वालों की संख्या 10 बताई है।

खान सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों से संबंधित कई मामलों का भी सामना कर रहे हैं। वर्तमान में वह आतंकवाद, हत्या और ईशनिंदा से संबंधित 150 से अधिक मामलों का सामना कर रहा है। वर्तमान में वह आतंकवाद, हत्या और ईशनिंदा से संबंधित मामलों का सामना कर रहा है। वह कथित तौर पर लाहौर के जमान पार्क स्थित अपने निजी आवास में नजरबंद हैं। पीटीआई का दावा है कि उनके सदस्य हमलों में शामिल नहीं थे, लेकिन सरकार और सेना ने इन दावों को खारिज कर दिया और कहा कि उनके पास उनकी भागीदारी के मजबूत ‘सबूत’ हैं।

खान को पिछले साल अप्रैल में उनके नेतृत्व में अविश्वास मत हारने के बाद सत्ता से बाहर कर दिया गया था। उन्होंने तब आरोप लगाया था कि रूस, चीन और अफगानिस्तान पर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के निर्णयों के कारण अमेरिका के नेतृत्व में उनके खिलाफ साजिश रची गई। अमेरिका ने बार-बार उनके आरोपों को खारिज किया है।



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