विश्वप्रसिद्ध रामनगर की रामलीला में मंगलवार को प्रभु श्रीराम और जानकी का विवाह होना था। अयोध्या से लेकर जनकपुरी में खुशी छाई हुई थी। लोग दूल्हा बने चारों भाइयों को देखने को अधीर थे। इंद्रदेव भी प्रभु के दर्शन को आतुर दिखे और झमाझम बरसे। पर, उनकी प्रसन्नता मुक्ताकाशी लीला पर भारी पड़ी। बारिश के कारण लीला बीच में ही रोकनी पड़ी। अब ये लीला बुधवार को उसी स्थान पर होगी।
रामलीला के छठें दिन मंगलवार को श्रीराम सहित चारों भाइयों का विवाह होना था। अयोध्या पहुंचे राजा जनक के दूतों ने राजा दशरथ को जनक का निमंत्रण पत्र दिया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था।
उन्होंने गुरु वशिष्ठ, भरत और अपनी रानियों को राजा जनक का पत्र पढ़कर सुनाया। पत्र में बरात लेकर आने का निमंत्रण था। साथ ही धनुष यज्ञ का वृत्तांत भी। इसके बाद अयोध्या में बरात ले जाने की तैयारी शुरू हो जाती है और उधर जनकपुरवासी बरात के स्वागत की तैयारियों में जुट गए थे।
चारों भाई दूल्हा बने तो उनके मोहक रूप का दर्शन कर हर कोई हर्षित हो रहा था। हाथी, घोड़े, रथ और गाजेबाजे के साथ बरात जनकपुर पहुंची। राजा जनक ने बरात का आतिथ्य सत्कार किया और उन्हें जनवासे में ठहराया।
इसी बीच तेज बारिश हो गई। इसके बाद अनंत नारायण के निर्देश पर लीला स्थगित कर दी गई। आरती के साथ लीला का समापन हो गया।