Politics: वी सेंथिल मामले के बाद अब कांग्रेस करेगी आप का समर्थन! तमिलनाडु की घटना से ऐसे पड़ेगा राजनीतिक दबाव

Politics: वी सेंथिल मामले के बाद अब कांग्रेस करेगी आप का समर्थन! तमिलनाडु की घटना से ऐसे पड़ेगा राजनीतिक दबाव



V Senthil Balaji
– फोटो : Social Media

विस्तार


तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को राज्यपाल की ओर से मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने के बाद देश की सियासत में अचानक हलचल मच गई है। सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की हो रही है कि आखिर राज्यपाल की ओर से किस संविधान के अनुच्छेद के चलते बगैर मुख्यमंत्री की अनुमति के उनके मंत्री को बर्खास्त कर दिया गया। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जिस मामले में गुरुवार को तमिलनाडु के राज्यपाल ने वहां के एक मंत्री को बर्खास्त कर दिया। ठीक उसी तरह आम आदमी पार्टी बीते कुछ समय से केंद्र सरकार की ओर से अधिकारियों के तबादलों और नियुक्तियों पर लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सभी विरोधी पार्टियों को एकजुट करने के लिए मुहिम चला रही है। अब माना यह जा रहा है कि दिल्ली और तमिलनाडु के सियासी बवाल पर अब आम आदमी पार्टी को एक बार फिर से सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए बड़ा मौका मिल गया है। संभव है जुलाई के दूसरे सप्ताह में बेंगलुरु में होने वाली बैठक में इस मामले में विपक्षी दलों की ओर से कुछ ठोस रणनीति बने।

इसलिए अब और मजबूत दिखेगी विपक्षी दलों की एकता…

तमिलनाडु के सियासी बवाल पर राजनीतिक जानकार एन सुदर्शन कहते हैं कि गुरुवार की इस घटना ने सभी राजनीतिक दलों को एक बार फिर से एकजुट होने के लिए और मिलकर आगे बढ़ने के लिए सोचने पर और मजबूती से मिलकर चलने का एक नया रास्ता तैयार किया है। उनका कहना है कि पटना के बाद सभी राजनीतिक दल एक बार फिर से बेंगलुरु में मिल रहे हैं। इस मुलाकात से पहले तमिलनाडु की घटना ने सभी सियासी दलों को एक और बड़ा आधार दिया है। सुदर्शन का कहना है कि तमिलनाडु की सियासत में स्टालिन को लेकर पहले से सभी प्रमुख विपक्षी दल एकजुट होकर आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में उनके मंत्री को बगैर मुख्यमंत्री की अनुमति के बर्खास्त कर दिए जाने से सभी राजनीतिक दलों की एकजुटता और ज्यादा मजबूत होती हुई दिखने की उम्मीद लगाई जा रही है।

आज तमिलनाडु में हुआ, कल दूसरे गैर-भाजपा शासित राज्य में होगा…

कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि जो घटना गुरुवार की शाम को तमिलनाडु में हुई वह घटना तो किसी भी गैर-भाजपा शासित राज्य में भी हो सकती है। उनका तर्क है कि जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारी नहीं है और वहां पर राज्यपाल अगर भारतीय जनता पार्टी से ताल्लुक रखते हैं तो इस तरीके का गैर संवैधानिक कार्य आगे भी दूसरे राज्यों में किसी और मामले में दोहराया जा सकता है। ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी को और मजबूती के साथ सभी सियासी दलों को एक साथ जोड़ कर ही आगे चलना होगा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि कर्नाटक में जो भारतीय जनता पार्टी के गवर्नर ने किया है वह तो उनके संवैधानिक दायरे से ही बाहर है।







Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *