पश्चिम बंगाल सरकार ने उन कार और दोपहिया वाहन मालिकों के लिए नियम कड़े कर दिए हैं, जो अपने वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र हासिल करना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री स्नेहासिस चक्रवर्ती ने कहा है कि राज्य सरकार ने प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए राज्य के सभी वाहन मालिकों के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र हासिल करने के नियम को सख्त कर दिया है। नया नियम 1 नवंबर 2023 से पूरे राज्य में लागू हो जाएगा।
वाहन मालिकों को पीयूसी प्रमाणपत्र हासिल करने से पहले सभी बकाया टैक्स और जुर्माने का भुगतान करना होगा। नए नियम के अनुसार, यदि टैक्स और जुर्माना नहीं चुकाया जाता है, तो उस वाहन को पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा। इसके अलावा, राज्य सरकार ने अनिवार्य कर दिया है कि सभी वाहनों को पीयूसी प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए रियल-टाइम टेलपाइप उत्सर्जन टेस्टिंग के लिए उत्सर्जन परीक्षण केंद्रों पर उपस्थित होना होगा। मंत्री ने कहा, पारदर्शी पीयूसी प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया सुनिश्चित करने के साथ-साथ वाहन उत्सर्जन-संचालित पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए ये कदम उठाए गए हैं।
राज्य सरकार ने दावा किया है कि निजी और वाणिज्यिक सहित हजारों वाहन हैं, जिन्होंने यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण जारी किए गए जुर्माने का भुगतान नहीं किया है। नए नियम के अनुसार, इन वाहनों के मालिकों को पीयूसी प्रमाणपत्र हासिल करने से पहले बकाया जुर्माना भरना होगा।
ऐसे आरोप लगे हैं कि कई वाहन मालिक अपने वाहनों को उत्सर्जन परीक्षण केंद्रों पर ले जाए बिना ही पीयूसी प्रमाणपत्र हासिल कर लेते थे। इस तरह के भ्रष्टाचार की वजह से कई वाहन पर्यावरण में परमिटेड लिमिट से ज्यादा प्रदूषक उत्सर्जित करने के बावजूद सड़क पर दौड़ रहे हैं। साथ ही, सरकार को टैक्स के रूप में मिलने वाली बड़ी रकम का भी नुकसान हो रहा है। नए नियमों का मकसद ऐसे मुद्दों का समाधान करना है।