महाराष्ट्र पुलिस
– फोटो : फाइल
विस्तार
पुणे के एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल पर दक्षिणपंथी संगठन के सदस्यों ने हमला कर दिया। प्रिंसिपल पर आरोप है कि उसने छात्राओं के शौचालय में सीसीटीवी लगाया था। परिजनों की शिकायत के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है। परिजनों ने प्रिंसिपल पर हिंदुओं के साथ भेदभाव के आरोप भी लगाए हैं। शिक्षा विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
यह है पूरा मामला
तालेगांव एमआईडीसी के पुलिस निरीक्षक रंजीत सावंत ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा के परिजनों ने स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि स्कूल ने छात्राओं के शौचालय में सीसीटीवी कैमरा लगाया है। वहां बाइबल के अनुसार प्रार्थना कराई जाती है। जबकि, किसी भी हिंदू त्योहारों पर छुट्टियां नहीं दी जाती। सावंत का कहना है कि परिजनों के शिकायत की जांच की जा रही है।
परिजनों ने की यह शिकायत
छात्राओं के परिजनों ने बताया कि स्कूल स्टाफ की कई शिकायतें थीं। छात्रों पर दबाव डालते हैं। छात्रों से बेंच इधर-उधर रखवाते हैं। हमने जब भी इसकी शिकायत स्कूल में की तो प्रिंसिपल मामले को टाल दिया करते थे। वह कभी भी इस पर कार्रवाई नहीं करते थे। इसके बाद जब कई सारे परिजन शिकायत करने स्कूल पहुंचे तो हमें छात्राओं के टॉयलेट में सीसीटीवी कैमरा मिला। इसके अलावा स्कूल में सुबह होने वाली प्रार्थना बाइबल से कराई जाती है। लेकिन हिंदू तीज-त्योहारों को मनाने की अनुमति नहीं दी जाती।
स्कूल कर्मियों ने कैमरे लगने की पुष्टि की
परिजनों की शिकायत पर राज्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल का निरीक्षण किया। विभाग के अधिकारी एसआर वालुंज ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि टॉयलेट में कैमरा लगाया गया था लेकिन मेरे दौरे से पहले उसे हटा दिया गया था। स्कूल के कर्मियों ने स्वीकार किया है कि टॉयलेट में कैमरा लगा हुआ था। हालांकि, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उन्हें नहीं पता कि कैमरा किसकी अनुमति से लगवाया गया है। मैं जांच रिपोर्ट शिक्षा आयुक्त को भेजूंगा, इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। प्रबंधन का कहना है कि हमले के बाद प्रिंसिपल स्कूल से चले गए थे। शिक्षा आयुक्त सूरज मंधारे ने कहा कि परिजन पहले भी प्रिंसिपल के खिलाफ नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। इसलिए उप निदेशक (शिक्षा) मामले की जांच करेंगे। उचित कार्रवाई की जाएगी।
शशि थरूर ने की मारपीट की आलोचना
प्रिंसिपल के साथ मारपीट के मामले ने जैसे ही तूल पकड़ा, वैसे ही इस पर राजनीति भी शुरू हो गई। सांसद शशि थरूर ने मारपीट की घटना को अपमानजनक बताया है। उन्होंने कहा कि कोई भी सभ्य हिंदू इस प्रकार से मारपीट नहीं कर सकता।