Punjab: मोहाली के कर्नल मनप्रीत सिंह वतन पर कुर्बान, गांव में पसरा मातम, पत्नी-बच्चों को अभी कुछ नहीं पता

Punjab: मोहाली के कर्नल मनप्रीत सिंह वतन पर कुर्बान, गांव में पसरा मातम, पत्नी-बच्चों को अभी कुछ नहीं पता



कर्नल मनप्रीत सिंह।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार


जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों से मुठभेड़ में पंजाब के मोहाली जिले के गांव भड़ौंजिया में कर्नल मनप्रीत सिंह (41) की शहादत की खबर जैसे ही पहुंची मातम छा गया। गांव वालों की आंखें नम थीं। हर कोई उनकी बहादुरी के चर्चे कर रहा था। 

परिजनों ने बताया कि कर्नल मनप्रीत ने कई बार अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मनों के छक्के छुड़ाए थे। इस बहादुरी के लिए भारतीय सेना ने उन्हें सेना मेडल से अलंकृत किया था। उधर, बेटे की मौत की खबर सुनकर मां मनजीत कौर का रो-रोकर बुरा हाल था। उन्होंने बताया कि मनप्रीत बचपन से ही पढ़ने में होशियार था। उसकी पढ़ाई मुल्लांपर स्थित एयरफोर्स स्टेशन के पास बने केंद्रीय विद्यालय में हुई थी। 

कर्नल मनप्रीत सिंह की पत्नी जगमीत कौर मोरनी में शिक्षिका हैं। वह सात साल के बेटे कबीर और ढाई साल की बेटी वाणी के साथ पंचकूला के सेक्टर-26 में रहती हैं। कर्नल मनप्रीत की ससुराल भी पंचकूला में ही है। परिजनों ने अभी पत्नी जगमीत कौर को पति के शहीद होने की खबर नहीं दी है। वहीं, भाई की मौत की खबर सुनकर बहन संदीप कौर भी मायके के लिए रवाना हो गईं हैं। 

 

मनप्रीत वर्ष 2003 में सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल बने थे। वर्ष 2005 में उन्हें कर्नल के पद पर पदोन्नत किया गया था। इसके बाद उन्होंने देश के दुश्मनों को मार गिराने के लिए चलाए गए भारतीय सेना के कई अभियानों का नेतृत्व किया। छोटे भाई संदीप सिंह ने बताया कि कर्नल मनप्रीत सिंह वर्ष 2019 से 2021 तक सेना में सेकंड इन कमांड के तौर पर तैनात थे। बाद उन्होंने कमांडिंग अफसर के रूप में काम किया।   

परिवार तीन पीढ़ियों से कर रहा देश की सेवा

परिजनों ने बताया कि बुधवार शाम करीब साढ़े पांच बजे सेना ने उन्हें कर्नल मनप्रीत सिंह की शहादत की खबर दी। साथ ही बताया गया कि गुरुवार शाम चार बजे कर्नल मनप्रीत का शव मोहाली लाया जाएगा। यह उनके परिवार की तीसरी पीढ़ी थी जो सरहद पर देश की सेवा कर रही थी। कर्नल मनप्रीत सिंह के दादा शीतल सिंह, पिता स्व. लखमीर सिंह और चाचा रणजीत सिंह भी भारतीय सेना में थे। पिता ने सेना से सेवानिवृत्त के बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी में सुरक्षा सुपरवाइजर की नौकरी की। उनके निधन के बाद उनके छोटे बेटे संदीप सिंह (38) को वहां जूनियर असिस्टेंट की नौकरी मिल गई थी।  



Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *