जमात-ए-इस्लामी और तंजीम अंसारी के बारे में भी जानिए
स्वतंत्रता से पहले साल 1941 में एक संगठन बनाया गया जिसका नाम जमात-ए-इस्लामी था। जमात-ए-इस्लामी का गठन इस्लामी धर्मशास्त्री मौलाना अबुल अला मौदुदी ने किया था और यह इस्लाम की विचारधारा को फैलाने का काम करता था। हालांकि, देश को स्तवंत्रता मिलने के बाद जमात-ए-इस्लामी कई धड़ों में बंट गया। जिसमें जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान और जमात-ए-इस्लामी हिंद शामिल है। यह जमात-ए-इस्लामी का असर था कि इससे प्रेरणा लेकर कई और संगठन भी बने, जिसमें जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश, जमात-ए-इस्लामी कश्मीर, जमात-ए-इस्लामी ब्रिटेन और जमात-ए-इस्लामी अफगानिस्तान कुछ प्रमुख नाम हैं। जमात-ए-इस्लामी पार्टियां दुनियाभर के मुस्लिम समूहों के साथ सक्रिय तौर पर संबंध बनाए रखती हैं। वहीं, तंजीम अंसारी की बात करें तो भाजपा का दावा है कि वह चार जून को न्यूयॉर्क में राहुल के कार्यक्रम के आयोजनकर्ताओं में से एक हैं। फेकन्यूज का पर्दाफाश करने वाली संस्था डिसिन्फोलैब के मुताबिक तंजीम इस्लामिक सर्कल ऑफ नॉर्थ अमेरिका (आईसीएनए) से जुड़े हुए हैं। यह संस्था जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान के साथ संबंध है।