Rajasthan: Ashok Gehlot
– फोटो : Amar Ujala/Rahul Bisht
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राजस्थान में सचिन पायलट के साथ विवाद सुलझने के बाद अब प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नई उलझन में फंसते हुए नजर आ रहे हैं। प्रदेश में आए दिन हो रहे बलात्कार के मामले और पेपर लीक की घटनाओं से कांग्रेस सरकार परेशान है। गहलोत दोबारा वापसी के लिए हर जिले का दौरा कर रहे हैं, महंगाई राहत कैंप के जरिए वोटर्स को रिझाने की कोशिशों में जुटे हैं। लेकिन सरकारी भर्तियों में हो रहे घोटाले रोज उनके लिए नई मुसीबत खड़े कर रहे हैं। नकल माफिया सीएम के लिए चुनौती बने हुए हैं। क्योंकि बड़ी तादाद में बेरोजगार युवा पेपर लीक होने से परेशान हैं और सरकार के खिलाफ धीरे-धीरे लामबंद हो रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा भी इन नाराज युवाओं को अपने पक्ष में करने में जुटी हुई है। पार्टी लगातार प्रदेश में पेपर लीक के मामलों को उठा रही है। विधानसभा के भीतर और बाहर आवाज उठा रही है और आंदोलन कर रही है।
प्रतियोगिता परीक्षा के लगातार पेपर आउट होने की घटनाओं के बाद जब जो खुलासे हो रहे हैं, इससे प्रदेश की कांग्रेस सरकार कटघरे में खड़ी नजर आ रही है। हालांकि सीएम अशोक गहलोत बयान दे चुके हैं कि इस तरह की घटनाओं में कोई नेता और अधिकारी शामिल नहीं है, जबकि एक के बाद बड़े नेताओं की गिरफ्तारी हो रही है। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर बेचने के मामले में एसओजी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार कर चुकी है, जो फिलहाल जेल में हैं। सीएम की सिफारिश पर ही कटारा की नियुक्ति आरपीएससी सदस्य के तौर पर हुई थी। अब अधिशासी अधिकारी भर्ती में सलेक्शन कराने के नाम पर एक करोड़ रुपये में सौदा करने वाले आरोपियों में गहलोत सरकार का पूर्व मंत्री गोपाल केसावत गिरफ्तार हुआ है। केसावत फिलहाल एसीबी की रिमांड पर है। इसके अलावा दो अन्य महिला सदस्यों पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने अधिशासी अधिकारी (ईओ) परीक्षा में ओएमआर शीट बदलवाने के मामले में एफआईआर में नामजद किया। इन दोनों सदस्यों की भूमिका भी संदिग्ध बताई गई है।
पिछले साढ़े चार साल में 10 से ज्यादा प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर आउट हुए हैं। इनमें आरपीएससी और राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित परीक्षाओं के पेपर शामिल है। इसमें खास बात यह है कि आरएएस जैसी बड़ी भर्ती परीक्षाओं में कांग्रेसी नेताओं के बेटे बेटियों और कई रिश्तेदारों का चयन हुआ है। भाजपा से राज्य सभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा का आरोप है कि कांग्रेसी नेताओं के बेटे बेटियों और रिश्तेदारों को षड़यंत्र के तहत पेपर उपलब्ध करवाए गए और साठगांठ करके इंटरव्यू में ज्यादा नंबर दिलवाए गए। इसी वजह से नेताओं के बेटे बेटी और रिश्तेदार बड़े अफसर बन गए। डॉ. मीणा ने आरएएस, एसआई और ईओ भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच होने पर ही इस बात का खुलासा हो सकेगा कि इन माफियाओं के संबंध किन-किन नेताओं तक जुड़े हैं।
कानून लाने के बाद भी हो रहे हैं पेपर लीक
अमर उजाला से बातचीत में राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार संदीप दहिया कहते हैं कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार इन समय दो मामलों में ज्यादा परेशान नजर आ रही है। पहला प्रदेश में बढ़ते रेप के मामले और दूसरा सरकारी भर्ती परीक्षा के आउट होते पेपर। बीकानेर में दलित लड़की से रेप, करोली में बच्ची के साथ बलात्कार और मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र जोधपुर में नाबालिग लड़की के साथ हुई गैंगरेप की घटना सरकार की कानून व्यवस्था सवालिया निशान उठा रही है। 2021 में रीट पेपर लीक के बाद से प्रदेश में लगातार पर्चा आउट होने की घटनाएं सामने आ रही रही हैं। 2021 में सरकार ने बड़े पैमाने पर रीट की परीक्षा करवाई थी। पेपर लीक होने के बाद नाराज युवाओं ने प्रदेश भर में आंदोलन किया था। इसके बाद सरकार को इस परीक्षा को दोबारा करने का निर्णय लिया था।
दहिया कहते हैं कि रीट के बाद करीब आधा दर्जन से ज्यादा सरकारी भर्तियों के पर्चा आउट होने के मामले हो चुके हैं। लगातार होती पेपर लीक के मामलों से भाजपा को कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए एक बड़ा मौका मिल गया। इसलिए भाजपा आए दिन इस मामले को उठा रही है और सड़कों पर आंदोलन करते हुए नजर आ रही है। आंदोलनों के जरिए पार्टी युवा को अपने से जोड़ने का प्रयास कर रही है। क्योंकि बड़ी तादाद में युवा पेपर लीक होने की घटनाओं से कांग्रेस सरकार से नाराज है। इधर, भाजपा की आलोचना का जवाब देने और युवाओं में फिर से भरोसा पैदा करने के लिए अशोक गहलोत सरकार ने कई सरकारी विभागों में नए सिरे से भर्ती खोली है। इसके अलावा नकल माफियाओं के खिलाफ सख्त कानून लेकर आई है। नकल विरोधी इस नए कानून में 10 साल की सजा और 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने के प्रावधान किए गए। नया नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद भी राजस्थान में दो से तीन प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर लीक हुए थे।
अब कानून में सख्ती कर रही है सरकार
राज्य सरकार ने प्रतियोगिता परीक्षाओं में पेपर लीक करने वालों को अब उम्र कैद की सजा होगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नकल माफियाओं को लेकर हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है। आगामी विधानसभा सत्र में सरकार इस संबंध में अध्यादेश लेकर आएगी। इस अध्यादेश के जरिए नकल माफियाओं को अधिकतम सजा के तौर पर उम्रकैद की सजा का प्रावधान जोड़ा जाएगा।
हमारे संघर्ष की जीत: बेरोजगार संगठन
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि वे लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि पेपर लीक माफियाओं के खिलाफ सख्त से सख्त सजा के प्रावधान होने चाहिए ताकि उनमें कानून का भय हो। सख्त सजा का प्रावधान होने से पेपर लीक माफियाओं में डर का माहौल होगा जिससे पेपर लीक की घटनाओं पर लगाम लग सकेगी। सरकार के इस फैसले को उपेन यादव ने बेरोजगारों के संघर्ष की जीत बताया है।