Rajasthan: सचिन पायलट की एंट्री से सधे राजस्थान के सियासी समीकरण; जानें अब किसने कहा ‘तपस्या में रह गई कमी’

Rajasthan: सचिन पायलट की एंट्री से सधे राजस्थान के सियासी समीकरण; जानें अब किसने कहा ‘तपस्या में रह गई कमी’


कांग्रेस ने अपनी नई वर्किंग कमेटी का गठन करके आने वाले विधानसभा से लेकर लोकसभा की पूरी सियासत को मजबूती से साथ लिया है। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा सचिन पायलट की सीडब्ल्यूसी में वापसी की हो रही है। कांग्रेस पार्टी से लेकर सियासी जानकार तक मानते हैं कि ऐसा करके पार्टी ने न सिर्फ राजस्थान में अपनी सरकार की वापसी की मजबूत दावेदारी ठोकी है, बल्कि विपक्ष को एक बड़ा सियासी संदेश भी दिया है। हालांकि, इस वर्किंग कमेटी के गठन में इस बार कुछ नेता नाराज भी हुए हैं। वहीं एक बार फिर से कांग्रेस के एक नेता ने अपना नाम इस कमेटी में ना शामिल किए जाने पर अपनी तपस्या में कमी बताई।

राजस्थान में मिलेगा फायदा

सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने जिस तरह अपनी वर्किंग कमेटी का गठन किया है उसमें देश के सभी राज्यों में सियासी नजरिए से बैलेंस बनाने की पूरी कोशिश की है। इस दौरान पार्टी ने हरियाणा राजस्थान महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश समेत चुनावी राज्यों और लोकसभा के नजरिए से देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों को कमेटी में जगह दी है। 

राजनैतिक विश्लेषक हेमेंद्र कटारिया कहते हैं कि इस पूरी सूची में राजस्थान से सचिन पायलट की वापसी बड़े सियासी संकेत दे रही है। कटारिया कहते हैं कि सचिन पायलट की वापसी तब हुई है जब विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस राजस्थान में वापसी की पूरी दमदारी के साथ तैयारी का दावा कर रही है। 

दरअसल, सचिन पायलट और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच पैदा हुए विवाद के दौरान वर्किंग कमेटी से पायलट बाहर हो गए थे। जब दोनों नेताओं के बीच में समझौता हुआ और अब सचिन पायलट की सीडब्ल्यूसी में वापसी से न सिर्फ राजस्थान कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ता उत्साहित हैं, बल्कि राजस्थान में सचिन पायलट के प्रशंसकों ने भी उसको सेलिब्रेट करना शुरू कर दिया।

दरअसल कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के नजरिए से अपनी पूरी कांग्रेस वर्किंग कमेटी का गठन किया है। पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता का कहना है जो भी चयन प्रक्रिया होती है निश्चित तौर पर उसमें सियासी आकलन करके ही सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं के साथ साथ भविष्य के नेताओं को आगे ही किया जाता है। रविवार को जारी हुई वर्किंग कमेटी के सदस्यों की सूची भी इस लिहाज से जारी की गई है। 

कांग्रेस पार्टी से जुड़े और वर्किंग कमेटी में शामिल एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि इस कमेटी में इस बार उनकी पार्टी के किसी भी मुख्यमंत्री को इस में जगह नहीं दी गई है। दरअसल इसके पीछे पार्टी की एक सोच यही है कि अन्य दूसरे नेताओं को भी मौका देकर इस महत्वपूर्ण समिति का हिस्सा बनाया जाए। इसके अलावा समिति के सदस्यों को अलग-अलग राज्यों की अहम जिम्मेदारी देकर सियासत के लिहाज से उनको और आगे बढ़ाया जाए।

हालांकि, कांग्रेस पार्टी में इस बार कई ऐसे भी नेता है जो कि सीडब्ल्यूसी में आने की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन उनको इस में जगह नहीं मिली। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव और लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र विभाकर शास्त्री ने सीडब्ल्यूसी में शामिल न किए जाने पर हैरानी जताई है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि अबकी बार शायद उनकी तपस्या में कुछ कमी रह गई। ट्वीट के बाद लोगों ने तमाम तरह के रिएक्शंस भी दिए, लेकिन उन्होंने कहा कि वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे। शास्त्री के अलावा भी कांग्रेस पार्टी कुछ और नेता भी ऐसे हैं जिनके नाम की चर्चा थी, लेकिन उनको इसमें जगह नहीं मिली है। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है फिलहाल तो ऐसी कोई भी नाम आलाकमान के संज्ञान में नहीं है फिर भी जो अनुभवी और वरिष्ठ लोग हैं उनको पार्टी आने वाले दिनों में बड़ी जिम्मेदारियां भी देगी।

समिति में नहीं हुए ज्यादा बदलाव 

स्थायी आमंत्रित सदस्यों में वीरप्पा मोइली, हरीश रावत, पवन कुमार बंसल, मोहन प्रकाश, रमेश चेनिन्नथाला, बीके हरिप्रसाद, प्रतिभा सिंह, मनीष तिवारी, दीपेंद्र हुड्डा, के राजू, मीनाक्षी नटराजन, सुदीप रॉय बर्मन समेत कई अन्य नेताओं को शामिल किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इससे पहले तक संचालित कमेटी के साथ काम कर रहे थे, जिसका गठन सोनिया गांधी ने किया था। अब जो कांग्रेस कार्य समिति का एलान किया गया है, उसमें भी पूर्व की समिति के मुकाबले में ज्यादा बदलाव नहीं किए गए हैं। विशेष आमंत्रित सदस्यों में पल्लम राजू, पवन खेड़ा, गणेश गोदियाल, यशोमति ठाकुर, सुप्रिया श्रीनेत, परिणिति शिंदे, अलका लांबा आदि सदस्यों का नाम शामिल है।

शशि थरूर ने पार्टी नेतृत्व को दिया धन्यवाद

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने उन्हें कांग्रेस कार्य समिति में शामिल करने के लिए पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद दिया है। शशि थरूर ने कहा कि जो असंख्य भारतीय देश को समावेशी बनाना चाहते हैं, वह हमसे बेहतर की उम्मीद करते हैं। शशि थरूर ने कहा कि ‘इतिहास में कांग्रेस की कार्यसमिति ने बीते 138 सालों से पार्टी का नेतृत्व किया है। मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं क्योंकि मुझे भी इसका हिस्सा बनाया गया है। मैं पूरे समर्पण से पार्टी की सेवा करने का अवसर पाकर खुश हूं।’



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