मालासेरी डूंगरी मंदिर के पुजारी हेमराज पोसवाल का दावा गलत निकला।
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राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Election) से पहले पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) के खिलाफ गुर्जर समाज को भड़काने की साजिश की गई या फिर यह महज एक भूल थी। प्रदेश के चुनावी माहौल में ये सवाल काफी जोर पकड़ रहा है? ये सवाल उठा है गुर्जर समाज के आराध्य स्थल मालासेरी डूंगरी मंदिर के पुजारी हेमराज पोसवाल के उस दावे से जिसमें उन्होंने पीएम मोदी के लिफाफे से 21 रुपये निकलने की बात कही थी। पुजारी का ये दावा अब गलत साबित हो गया है। आइए, सबसे पहले उस मामले को जानते हैं जिसके कारण ये सवाल उठा है…।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते सोमवार को जयपुर में थे। वे यहां भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा की महारैली को संबोधित करने आए थे। इसी दिन भीलवाड़ा में स्थित गुर्जर समाज के आराध्य स्थल मालासेरी डूंगरी मंदिर में रखा दानपात्र भी खोला गया। पीएम मोदी 28 जनवरी 2023 को भगवान श्री देवनारायणजी के 1111वें ‘अवतरण महोत्सव’ के समारोह में शामिल होने यहां आए थे। कहा गया कि दौरे के दौरान पीएम मोदी ने मंदिर में रखे दानपात्र में एक लिफाफा डाला था। दानपात्र खुलने के बाद उसमें से तीन लिफाफे निकले। एक लिफाफे से 2100, दूसरे 101 और तीसरे में 21 रुपये थे। मंदिर के पुजारी हेमराज पोसवाल ने दावा करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने दानपात्र में जो लिफाफा डाला वह सफेद रंग था, उसमें से 21 रुपये निकले हैं। दानपात्र से लिफाफा निकालने और फिर उसमें से निकले 21 रुपये की पूरी कवायद को कैमरे में कैद किया गया। जिसके बाद पीएम मोदी के लिफाफे से 21 रुपये निकलने की खबर मीडिया और कांग्रेस नेताओं तक पहुंच गई।