सांकेतिक तस्वीर
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राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। इसी क्रम में कांग्रेस की तरफ से बड़ा अपडेट सामने आया है। कांग्रेस की ओर से आगामी विधानसभा इलेक्शन के लिए कमेटी का एलान कर दिया गया है। कांग्रेस प्रदेश चुनाव समिति के चेयरमैन गहलोत के करीबी नेता और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को बनाया गया है। राजस्थान इलेक्शन 2023 के लिए बनाई गई कमेटी में कुल 29 सदस्य मौजूद हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी की गई लिस्ट को देखकर ये साफ हो गया है कि राजस्थान में चुनाव अशोक गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में होगा।
बता दें कि प्रदेश चुनाव समिति में गहलोत सरकार के 15 मंत्रियों को जगह मिली है। इस समिति का चेयरमैन पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा हैं। इसके साथ ही सदस्यों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस महासचिव भंवर जितेंद्र, सचिन पायलट, रघुवीर मीणा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, कांग्रेस प्रवक्ता मोहन प्रकाश को शामिल किया गया है। साथ ही गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी, राज्यसभा सांसद नीरज डांगी, कांग्रेस सचिव धीरज गुर्जर, कांग्रेस सचिव जुबेर खान और राजस्थान कांग्रेस के संगठन महामंत्री ललित तुनवाल को जगह मिली है।
Congress constitutes State Election Committee for the 2023 Rajasthan Assembly elections pic.twitter.com/06VtJ36RUM
— ANI (@ANI) July 20, 2023
इस समिति में सदस्य के रूप में गहलोत सरकार में मंत्री लालचंद कटारिया, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, रामलाल जाट, प्रमोद जैन भाया, रमेश चंद्र मीणा, उदयलाल आंजना, प्रताप सिंह खाचरियावास, सालेह मोहम्मद, ममता भूपेश, भजन लाल जाटव, गोविंद राम मेघवाल, शकुंतला रावत, मुरारी लाल मीणा, अशोक चांदना, राजेंद्र यादव, सुखराम बिश्नोई को शामिल किया गया है।
धारीवाल-महेश जोशी को नहीं मिली जगह…
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से बनाई गई प्रदेश चुनाव समिति में ज्यादातर चेहरे वही हैं, जिन्हें छह जुलाई को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ हुई बैठक में दिल्ली बुलाया गया था। उस बैठक में मंत्री महेश जोशी और मंत्री शांति धारीवाल को नहीं बुलाया गया था। इसके बाद अब प्रदेश चुनाव समिति में भी इन दोनों मंत्रियों को जगह नहीं मिली है। साथ ही मंत्री बीडी कल्ला का नाम भी इस सूची में शामिल नहीं है।
बता दें कि प्रदेश चुनाव समिति की टिकट देने में अहम भूमिका होती है। अभी राजस्थान के चुनाव के लिए और कई समितियां बननी बाकी हैं। इसमें सबसे ज्यादा इंतजार चुनाव अभियान समिति की हो रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि सचिन पायलट को इलेक्शन कैंपेन कमेटी की कमान सौंपी जा सकती है।