राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़।
– फोटो : PTI (फाइल फोटो)
विस्तार
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को दिल्ली सेवा विधेयक (Delhi Services Bill) पर तीखी बहस के दौरान टीएमसी सदस्य डेरेक ओ’ब्रायन पर पब्लिसिटी पाने के लिए सदन में “नाटकबाजी” करने का आरोप लगाया। धनखड़ को गुस्सा तब आया जब टीएमसी सदस्य ने अपने भाषण को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक- 2023 तक सीमित रखने से इनकार कर दिया और केंद्र सरकार के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी।
सभापति ने डेरेक ओ’ब्रायन से कहा, यह आपकी आदत बन गई है। आप एक रणनीति के तहत ऐसा कर रहे हैं। आपको लगता है कि आप बाहर पब्लिसिटी का आनंद लेंगे। आपने इस सदन को बर्बाद कर दिया। बैठ जाइए। परेशान दिख रहे धनखड़ ने कहा, क्या आप यहां नाटक करने के लिए आए हैं, क्या आपने नाकटबाजी करने के लिए शपथ ली है… ऐसी चतुराई कभी काम नहीं आती… यहां एक सदस्य है जो निजी पब्लिसिटी के लिए यहां आया है। मैं इस पर कड़ा संज्ञान लेता हूं। सभापति ने टीएमसी सदस्य के भाषण से कुछ टिप्पणियों को भी हटा दिया।
बहस में भाग लेते हुए ओ’ब्रायन ने कहा, मैं इस विधेयक का पुरजोर विरोध करने के लिए यहां खड़ा हूं। नरेंद्र मोदी संघवाद की संतान हैं। वह दिल्ली आने से पहले मुख्यमंत्री थे। उन्होंने पूछा कि लोकतंत्र का बच्चा लोकतंत्र को नष्ट क्यों करेगा। उन्होंने पूछा, संघवाद का बच्चा संसद में क्यों आएगा। साथ ही उन्होंने कहा, सुनिश्चित करें कि यहां पारित लगभग एक-तिहाई बिल संघीय विरोधी हैं। उन्होंने कहा, संघवाद का बच्चा उच्च शिक्षा के लिए विशेष बजट के रूप में 40,000 करोड़ रुपये क्यों मंजूर करेगा और राज्य विश्वविद्यालयों को केवल 700 करोड़ रुपये देगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र लेन-देन संबंधी संघवाद का पालन कर रहा है। उन्होंने कहा, हम इस विधेयक का विरोध करेंगे, चाहे आप हमें 12,000 करोड़ रुपये दें, जो आप पर बकाया है। लेन-देन संबंधी संघवाद काम नहीं करेगा। हम अपने 12,000 करोड़ रुपये के लिए दबाव बनाने के लिए 12 अक्टूबर को एक बड़ी रैली करेंगे।
उन्होंने कहा, आप 30 महीनों में 160 प्रतिनिधिमंडल भेज रहे हैं। आप भाजपा शासित राज्यों में क्या करते हैं…आपने कितने प्रतिनिधिमंडल उत्तर प्रदेश में भेजे हैं, जहां देश में सबसे ज्यादा हत्याएं होती हैं और महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक अपराध वाले असम में और बच्चों के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध वाले मध्य प्रदेश में कितने प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं।
इसके बाद धनखड़ ने सांसद से अपने भाषण में विधेयक पर चर्चा करने को कहा, लेकिन आक्रामक ओ’ब्रायन ने जवाब दिया कि यह एक राजनीतिक सदन है, हम राजनीतिक मुद्दे उठाएंगे। उन्होंने सत्ता पक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्हें खुली छूट नहीं दी जा सकती। इसके बाद सभापति ने उन्हें बैठने के लिए कहा और कहा कि इस तरह का व्यवहार किसी के लिए अच्छा नहीं होगा।
जब सांसद ने नरमी बरतने से इनकार कर दिया तो सभापति ने कहा, मैं इस तरह की नाटकीयता की इजाजत नहीं दूंगा। भाजपा के वंशवादी राजनीति के आरोप पर ओ’ब्रायन ने सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए एक विधेयक लाने की चुनौती दी कि एक परिवार से केवल एक ही सदस्य सदन का सदस्य हो सकता है। उनकी टिप्पणी के बाद सत्ता पक्ष ने विरोध शुरू कर दिया और टीएमसी सांसद आगे नहीं बोल सके।
बाद में सभापति के हस्तक्षेप के बाद वह दोबारा बोलने के लिए खड़े हुए लेकिन हंगामा जारी रहा। सदन में अव्यवस्था से परेशान होकर सभापति अपनी जगह पर खड़े हो गए और उन्होंने ओ’ब्रायन को यह कहते हुए सदन से बाहर जाने के लिए कहा कि उनका आचरण बेहद घटिया है।