Ram Mandir : 8.0 तीव्रता के भूकंप से भी सुरक्षित रहेगा राममंदिर, प्राकृतिक आपदाओं से बचाएगी विशेष तकनीक

Ram Mandir : 8.0 तीव्रता के भूकंप से भी सुरक्षित रहेगा राममंदिर, प्राकृतिक आपदाओं से बचाएगी विशेष तकनीक


विस्तार


श्रीरामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन राममंदिर न सिर्फ भव्यता बल्कि तकनीक के मामले में भी अव्वल होगा। राममंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों का दावा है कि राममंदिर 8.0 रिक्टर की तीव्रता वाले भूकंप से भी सुरक्षित रहेगा। प्राकृतिक आपदाओं से मंदिर को बचाने के लिए विशिष्ट तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसके चलते राममंदिर कम से कम एक हजार साल तक अक्षुण्ण रहेगा। मंदिर निर्माण में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है।

कार्यदायी संस्था टाटा के एक इंजीनियर ने बताया कि राममंदिर की नींव भूकंपरोधी है। सीबीआरआई रूड़की और चेन्नई के वैज्ञानिकों ने राममंदिर भूकंपरोधी हो, इस पर विशेष रिसर्च किया है। राममंदिर को सेफ स्ट्रक्चर करार दिया गया है जो आठ रिक्टर स्केल पर भूकंप के झटके को भी सहन कर सकता है। 70 फीट गहरी पत्थरों की चट्टान पर मंदिर आकार ले रहा है। 

मंदिर की नींव में कर्नाटक के ग्रेनाइट पत्थरों का प्रयोग किया गया है जो पानी के रिसाव को भी झेलने की क्षमता रखते हैं। मंदिर निर्माण में देश की आठ नामी तकनीकी एजेंसियों की मदद ली गई है। मंदिर की नींव करीब 50 फीट गहरी है। इसके ऊपर 2.5 फीट की राफ्ट ढाली गई है। राफ्ट के ऊपर 21 फीट ऊंची प्लिंथ का निर्माण हुआ है। प्लिंथ के ऊपर मंदिर आकार ले रहा है।

यही नहीं राममंदिर को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने के लिए मंदिर के तीन दिशा में 16 फीट ऊंचा परकोटा भी बनाया जा रहा है। उत्तर, दक्षिण व पश्चिम दिशा में परकोटे को आकार देने का कम चल रहा है। मंदिर की चारों दिशाओं में करीब 40 फीट गहरी रिटेनिंग वॉल (सुरक्षा दीवार) भी बनाई जा रही है।

पांच दिन सूर्य की किरणों से होगा रामलला का अभिषेक

राममंदिर में हर रामनवमी पर सूर्य की किरणें रामलला के मुखमंडल का अभिषेक करेंगी। रामजन्मोत्सव पर पांच दिन तक सूर्य की किरणों से रामलला का अभिषेक किया जाएगा। इसके लिए खगोल शास्त्रीय की टीम काम कर रही है।

ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार, रामजन्मोत्सव के पहले दो दिन और बाद के दो दिन रामलला के मुखमंडल को सूर्य की किरणें चमकाएंगी। नवनिर्मित मंदिर में साल 2024 में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चैत्र रामनवमी पर रामलला का पहला जन्मोत्सव मनाया जाएगा। राम मंदिर में विराजमान रामलला के ऊपर भगवान राम के जन्म के समय ठीक 12:00 बजे रामनवमी के दिन सूर्य की किरण कुछ देर के लिए रामलला की मूर्ति पर पड़ेगी। इससे जन्म के समय रामलला का दर्शन बहुत ही दिव्य और भव्य होगा। भगवान श्री राम ने सूर्य वंश में जन्म लिया है। उनके जन्म के बाद सूर्य इस धरा धाम पर श्री राम लला का स्वागत करेंगे। खगोल शास्त्री इसको लेकर काम कर रहे हैं।

राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया साल 2024 में मकर संक्रांति के बाद शुभ मुहूर्त पर प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद भक्त भगवान का दर्शन कर सकेंगे। पहली चैत्र राम नवमी पर सूर्य की किरण भगवान के ललाट पर पड़ेगी। उस दौरान शहर में रहने वाले लोग भगवान का दर्शन कर सकेंगे।बताया कि इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी किया जाएगा। संवाद



Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *