कलम से केक काटते आजम…
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सपा नेता आजम खां ने अखिलेश यादव के जन्मदिन के मौके पर चाकू के बजाए कलम से केक काटा। आजम खान ने एक हाथ में चाकू और एक हाथ में कलम को लेकर कहा कि हम यही देना चाहते हैं और यही हमारा मिशन है और यही आज का समाजवादियों का संदेश है। चाकू को लेकर कहा यह काटने के काम आएगा और कलम को लेकर कहा यह तकदीर बदलेगा। अब लोग तय कर लें कौन सा रास्ता सही है।
कहा कि जिन लोगो ने चोला बदलकर समाजवाद को धोखा दिया हमारे जैसे लोगों को धोखा दिया और समाज को बर्बाद किया ऐसे लोगों की माफी नहीं होना चाहिए। हम यह भी संकल्प लेते हैं की हमारे अंदर छुपी काली भेड़ों से अपने आपको और आप से दूर करने की और बचाने की पूरी कोशिश करेंगे।जो लोग झूठ बोलकर,धोखा देकर अपने काले चेहरे पर सफेद स्याही लगा कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं चाहेंगे ऐसे लोगों को राष्ट्रीय नेतृत्व निकाले नहीं ठोकर मार कर निकाले।
उन्होंने कहा कि इससे छोटा नहीं बड़ा नुकसान हुआ है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खास तौर से जो नतीजे आए हैं और फासिस्ट ताकतों ने समाजवादी विचारधारा को नुकसान पहुंचाया है उससे सबक लेने की जरूरत है कारणों पर गौर करने की जरूरत है डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि शायद दूसरा मौका नहीं मिलेगा यह आखिरी मौका होगा।
कहा कि रमजान शरीफ में जिन्हें हम अपना आइडियल मानते हैं वह किसी समाज में बैठ कर नाश्ता करते हैं ऐसे लोग स्वीकार्य नहीं होंगे चाहे वह कितने ही बड़े ओहदों पर क्यों न हो। एक अच्छा हिंदू, एक सिख और एक ईसाई एक बदकार मुसलमान से कहीं ज़्यादा बेहतर है। अगर समाजवादी एकजुट नहीं होंगे तो बड़े नुकसान का इंतजार करना पड़ेगा सबक लें और कुरीतियों को दूर करें लोगों के काम आएं। किसी के पैर काट कर अपने कद को ऊंचा नहीं किया जा सकता कुछ बनने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है।