रिंकू सिंह के पिता खानचंद सिलेंडर उतारते हुए
– फोटो : नितिन गुप्ता
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चार मिनट और पांच छक्के ने क्रिकेटर रिंकू सिंह की तकदीर बदल दी। वह भारतीय टीम में चुन लिए गए हैं, जिसका उन्होंने ख्वाब साल 2012 में देखा था। यह ख्वाब हकीकत में कभी नहीं बदल पाता, अगर वे यूपी अंडर-16 टीम में नहीं चुने जाते। उनकी डगमगा रही नैया को मोहम्मद जीशान और सुरेश शर्मा ने बखूबी संभाला था। रिंकू भी जीशान-सुरेश के उस एहसान को आज भी मानते हैं।
आईपीएल-2023 में केकेआर के रिंकू सिंह ने गुजरात टाइटंस के गेंदबाज की पांच गेंदों पर पांच छक्के मारकर कामयाबी की इबारत लिख दी थी। यहीं से तकदीर बदलनी शुरू हो गई। इसके बाद वह दलीप ट्रॉफी के लिए सेंट्रल टीम में चुने गए। दो मैच में उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया।
वर्ष 2012 को यूपी अंडर-16 का ट्रायल कानपुर में हो रहा था। जीशान ने बताया कि वह रिंकू को ट्रायल दिलाने कानपुर गए थे। जब रिंकू मैदान पर ट्रायल देने पहुंचे तो वह तुरंत होटल आ गए और बोले उनका फॉर्म वहां पर नहीं है। अलीगढ़ से फॉर्म नहीं आया है। उन्होंने अलीगढ़ में फोन किया तो सभी ने अलग-अलग बातें बताईं। फिर सुरेश शर्मा को फोन किया जिसे वह अंकल कहते थे। उन्हें पूरा मामला बताया। उन्होंने चयनकर्ता शशिकांत खांडेकर से बात की कि रिंकू का ट्रायल वह ले लें। सुरेश अंकल के कहने पर रिंकू और वह शशिकांत खांडेकर से मिलने चले गए। दोनों लोगों ने उनसे हाथ जोड़कर विनती की।
उन्होंने कहा कि ठीक है। रिंकू ने ट्रायल दिया, उसने अच्छी बल्लेबाजी की। उसका चयन अंडर-16 कैंप के लिए हो गया। कैंप के दो मैच में रिंकू ने सात रन बनाए। इसके बाद भी सुरेश ने शशिकांत से कहा कि रिंकू को टीम में चुन लें। इस पर शशिकांत ने कहा, जिस लड़के ने दो मैच में केवल सात रन बनाए हैं, उसे टीम में लें और जिसने ज्यादा रन बनाए हैं, उसे न लें, यह संभव नहीं है। उन्हें भी जवाब देना पड़ेगा। इस बात पर शशिकांत और सुरेश में बातचीत बंद हो गई। दो दिन के बाद शशिकांत का सुरेश के मोबाइल फोन पर मैसेज आया, जिसमें लिखा था कि फोन उठाओ, रिंकू का नाम टीम में है। जीशान ने कहा कि आगरा में अंडर-16 के पहले मैच में रिंकू ने 156 रन की पारी खेली।