तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी (फाइल)
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नौकरी के बदले पैसे के घोटाले में गिरफ्तार डीएमके मंत्री सेंथिल बालाजी को मद्रास हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है। मद्रास हाई कोर्ट ने उनकी ईडी की हिरासत को बरकरार रखा है। अदालत ने कहा है कि जांच एजेंसी हिरासत की हकदार है। बालाजी जितने समय तक अस्पताल में रहे हैं उसे हिरासत की अवधि से बाहर रखा जाए। वहीं, अब यह मामला मद्रास हाईकोर्ट की खंडपीठ को भेज दिया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में दिया था जवाब
गौरतलब है कि इससे दो दिन पहले यानी बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने मद्रास हाईकोर्ट में इसे लेकर अपना जवाब दिया था। निदेशालय ने अदालत को बताया था कि उसके पास धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत मंत्री वी सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने की शक्तियां हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति सीवी कार्तिकेयन के समक्ष इस आशय का अपना पक्ष रखा था। दरअसल, तमिलनाडु सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी की पत्नी की ओर से मद्रास उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई है।
कपिल सिब्बल ने ईडी के अधिकार पर उठाए थे सवाल
उससे पहले, मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को सूचित किया था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गिरफ्तारी की तारीख से 15 दिन की अवधि से अधिक पुलिस हिरासत की मांग नहीं कर सकता है। सिब्बल ने न्यायमूर्ति सीवी कार्तिकेयन को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय सेंथिल बालाजी को पुलिस हिरासत में लेने के उद्देश्य से उनके इलाज की अवधि को हटाने की मांग नहीं कर सकता।उन्होंने कहा कि सेंथिल बालाजी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और उसके बाद ईडी ने आठ दिन की पुलिस हिरासत का आदेश हासिल किया। लेकिन उन्होंने आदेश को निष्पादित (एक्सेक्युट) नहीं किया। इसलिए, वे 15 दिनों की अवधि के बाद फिर से पुलिस हिरासत की मांग नहीं कर सकते। सेंथिल बालाजी अब न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने 14 जून को गिरफ्तार कर लिया था
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले नकदी मामले में बालाजी को 14 जून को गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी से पहले, आयकर अधिकारियों ने बालाजी के खिलाफ पूरे तमिलनाडु में उनकी और सहयोगियों की संपत्तियों की तलाशी ली थी। वहीं, गिरप्तारी के बाद छाती में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें चेन्नई के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में 15 जून को मद्रास उच्च न्यायालय ने सेंथिल बालाजी को निजी अस्पताल में शिफ्ट करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी, लेकिन उसने उच्च न्यायालय के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया।
कौन हैं सेंथिल बालाजी?
47 साल के सेंथिल बालाजी तमिलनाडु की डीएमके-कांग्रेस गठबंधन सरकार में बिजली मंत्री हैं। सेंथिल का जन्म 21 अक्तूबर 1975 को करूर में हुआ। सेंथिल ने गवर्नमेंट एआरटीएस कॉलेज करूर से पढ़ाई की है। 1997 से सेंथिल ने राजनीति में कदम रखा। पहली बार उन्होंने निकाय चुनाव लड़ा और लोकल बॉडी के सदस्य चुने गए। 2011 से 2015 के बीच वह तमिलनाडु सरकार में परिवहन मंत्री भी रहे।
अब जानिए ED ने सेंथिल के यहां क्यों छापेमारी की?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) धनशोधन के एक मामले की जांच कर रही है। इसी सिलसिले में करूर जिले से ताल्लुक रखने वाले द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कद्दावर नेता बालाजी से जुड़े परिसरों पर मंगलवार को छापेमारी की थी। उच्चतम न्यायालय ने बालाजी के खिलाफ कथित ‘नौकरी के बदले नकदी’ घोटाले में पुलिस और ED को जांच की अनुमति दी थी, जिसके कुछ महीने बाद यह कार्रवाई की गई।