भारतीय सेना (सांकेतिक तस्वीर)।
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सियाचिन में तैनात अग्निवीर गवाते अक्षय लक्ष्मण के बलिदान को सेना ने सलाम किया है। सेना ने कहा है कि दुख की इस घड़ी में वह अग्निवीर के परिवर के साथ है। इसी के साथ अग्निवीर के परिजनों को वित्तीय सहायता के संबंध में सोशल मीडिया पर परस्पर विरोधी संदेशों को देखते हुए सेना ने साफ किया है कि परिजनों को मिलने वाली परिलब्धियां सैनिक की सेवा के प्रासंगिक नियमों और शर्तों द्वारा शासित होती हैं लिहाजा उन्हे स्पष्ट कर देना आवश्यक है ताकि किसी तरह की भ्रांति न फैले।
Agniveer (Operator) Gawate Akshay Laxman laid down his life in the line of duty in Siachen. Indian Army stands firm with the bereaved family in this hour of grief. In view of conflicting messages on social media regarding financial assistance to the Next of Kin of the deceased,… pic.twitter.com/ZfNwWKu8BU
— ANI (@ANI) October 22, 2023
सेना के अनुसार अग्निवीरों की नियुक्ति की शर्तों के अनुसार मृत युद्ध हताहत के लिए अधिकृत परिलब्धियों में एक गैर-अंशदायी बीमा राशि, जो कि 48 लाख रुपये है। सेवा निधि में अग्निवीर (30%) का योगदान (सरकार द्वारा समान योगदान और उस पर ब्याज के साथ) शामिल है। इसी के साथ 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि। मृत्यु की तारीख से चार साल पूरे होने तक शेष कार्यकाल का भुगतान (इस मामले में 13 लाख रुपये से अधिक)। सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष से 8 लाख रुपये का योगदान। भारतीय सेना की ओर से तत्काल 30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
गौरतलब है कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सियाचिन में ऊंचे बर्फीले पर्वतों के बीच तैनात अग्निवीर गवाते अक्षय लक्ष्मण ने देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। लेह स्थित सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने इसकी जानकारी दी। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे सहित सभी रैंक के अधिकारियों ने महाराष्ट्र के अग्निवीर गवते अक्षय लक्ष्मण की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है।
काराकोरम रेंज में लगभग 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर को दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्यीकृत क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। यहां सैनिकों को तेज शीत हवाओं से जूझना पड़ता है। सियाचिन में तैनात अग्निवीर गवाते अक्षय लक्ष्मण महाराष्ट्र के रहने वाले थे।