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जिले के हलान वन क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद मौके से भाग निकले तीन से चार आतंकियों की तलाश में शनिवार को पूरे दिन ड्रोन तथा पैरा कमांडो की मदद से तलाशी अभियान चलाया गया। सुरक्षा बलों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मुठभेड़ में बलिदान होने वाले जवानों के हथियार भी आतंकी ले भागे हैं। इस बीच सेना की चिनार कोर ने ट्वीट कर बलिदान होने वाले जवानों के बारे में जानकारी दी। ज्ञात हो कि शुक्रवार शाम को हुई मुठभेड़ के दौरान प्रारंभिक फायरिंग में सेना के तीन जवान घायल हो गए थे, जिन्होंने इलाज के दौरान देर रात दम तोड़ दिया था।
सेना की चिनार कोर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर किया कि चिनार कोर 34 राष्ट्रीय राइफल्स के हवलदार बाबूलाल हरितवाल, सिग्नलमैन महिपाल सिंह प्रवीण सिंह और राइफलमैन वसीम सरवर की वीरता और बलिदान को सलाम करता है। घटना के बाद पूरी रात सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर रखा था ताकि आतंकी कहीं दूर न भाग सकें। सुबह उजाला होने के साथ ही सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।
सूत्रों का कहना है कि आतंकी हाल ही में पीर पंजाल से यहां तक पहुंचे थे। सूत्रों के अनुसार मुठभेड़ स्थल से चार एके47 राइफल्स भी गायब बताई जा रही हैं। इस हमले में जो साजिश देखी जा रही है, वैसी ही पुंछ और राजोरी में इस वर्ष हुए दो आतंकी हमलों में सामने आई थी। घटना के पीछे आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के छद्म संगठन पीएएफएफ का हाथ बताया जा रहा है। मुठभेड़ स्थल पर देर रात से सुरक्षाबलों का संपर्क छिपे आतंकवादियों से टूट गया है और इन दहशतगर्दों की तलाश में अब पैरा कमांडो उतारे गए हैं। साथ ही ड्रोन से भी इलाकों को खंगाला जा रहा हे। इस ऑपरेशन में सेना के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस भी शामिल है।
कुंड इलाके में धमाका
कुलगाम जिले के कुंड इलाके में सेना के वाहन गुजरने के दौरान शनिवार को धमाका हुआ। इसके बाद पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया। अतिरिक्त बलों की मदद से आसपास के इलाकों में सघन तलाशी ली गई ताकि धमाके के बारे में जानकारी हासिल की जा सके।
वसीम फुटबॉल के मैदान में भी थे धुरंधर
उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले के राइफलमैन वसीम सरवर मुठभेड़ में आतंकियों से लोहा लेने के साथ खेल के मैदान में भी धुरंधर थे। उनके एक दोस्त ने बताया कि वसीम एक अच्छे फुटबॉलर भी थे। शुक्रवार को कुलगाम में शहीद हुए वसीम के परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। बिलखती मां बार-बार यही कह रही है कि वसीम वापस आ जाओ। शुक्रवार देर रात जैसे ही उनके शहीद होने की खबर पहुंची तो पूरे गांव में मातम छा गया।
वसीम के छोटे भाई ने कहा, बड़ी ईद पर घर आए थे और करीब 20 दिन हो गए उन्हें ड्यूटी ज्वाइन किए हुए। रात ढाई बजे सेना की तरफ से फोन आया कि भाई घायल हो गया है और उसे बादामी बाग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। करीब 15 मिनट बाद फिर से फोन आया कि आपका भाई बलिदान हो गया है। 2014 में वसीम सेना में भर्ती हुए थे। परिवार में माता-पिता, पत्नी और एक भाई व बहन हैं। 2021 में शादी हुई थी और पत्नी छह माह की गर्भवती है। शनिवार को वसीम के घर सेना, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी शोक व्यक्त करने पहुंचे।