Supreme Court: तीस्ता मामले में दो जजों की बेंच में असहमति के बाद तीन जजों की बेंच गठित, सुनवाई थोड़ी में

Supreme Court: तीस्ता मामले में दो जजों की बेंच में असहमति के बाद तीन जजों की बेंच गठित, सुनवाई थोड़ी में



तीस्ता सीतलवाड़
– फोटो : twitter

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गुजरात उच्च न्यायालय की ओर से नियमित जमानत देने से इनकार किए जाने के तुरंत बाद सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया। हालांकि, वहां से भी उन्हें तत्काल राहत नहीं मिली। दो जजों की बेंच में अंतरिम राहत पर मतभेद होने के बाद तीन जजों की बेंच का गठन किया गया। पीठ में जस्टिस बीआर गवई, एएस बोपन्ना और दीपांकर दत्ता शामिल हैं। पीठ नियमित जमानत याचिका खारिज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर रात 9.15 बजे सुनवाई करेगी।

इससे पहले 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने के मामले में तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम संरक्षण देने पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की राय अलग-अलग रही। इसके बाद न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने विशेष सुनवाई के तहत मामले की सुनवाई की और मुख्य न्यायाधीश से मामले को बड़ी पीठ को सौंपने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘जमानत देने के सवाल पर हमारे बीच असहमति है। इसलिए हम चीफ जस्टिस से इस मामले को बड़ी पीठ को सौंपने का अनुरोध करते हैं। इससे पहले शनिवार को गुजरात उच्च न्यायालय ने सीतलवाड़ की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति निर्जर देसाई ने उन्हें तत्काल आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया क्योंकि वह पिछले साल सितंबर में शीर्ष अदालत से अंतरिम जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर हैं।







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