आरबीआई
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रबि शंकर ने शुक्रवार को कहा कि उपलब्ध प्रौद्योगिकी के बावजूद देशों के लिए धन प्रेषण की ऊंची लागत ‘अनुचित’ है और भारत सीमा पार भुगतान पर ठोस प्रभाव डालने के लिए और अधिक अधिकार क्षेत्रों के साथ बातचीत कर रहा है।
शंकर ने बीसीसीएंडआई इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक कॉन्क्लेव को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि विश्व बैंक के शोध के अनुसार, 2022 में वैश्विक सीमा पार प्रेषण 830 अरब डॉलर होने का अनुमान है, और इसमें भारत शीर्ष प्राप्तकर्ता था। उन्होंने कहा, ”विश्व बैंक के दुनिया भर में धन प्रेषण मूल्य डेटाबेस के अनुसार, चौथी तिमाही में प्रेषण के खुदरा आकार (खुदरा आकार – 200 डॉलर) की वैश्विक औसत लागत 2022 में 6.2 प्रतिशत थी। कुछ देशों के लिए, यह लागत 8 प्रतिशत तक हो सकती है।”
उन्होंने कहा, ‘आज के संदर्भ में इतनी ऊंची लागत, जब डेटा कनेक्टिविटी इतनी सस्ती है, अनुचित है। मेरा मानना है कि उपलब्ध प्रौद्योगिकी को देखते हुए मौजूदा स्थिति टिकाऊ नहीं है।” रिजर्व बैंक के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारत धन प्रेषण की ऊंची लागत की चुनौती से निपटने का प्रयास कर रहा है और हाल ही में पेश की गई केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) इस संदर्भ में एक संभावित समाधान पेश करती है।
शंकर ने कहा, “अगर हम विभिन्न देशों में सीबीडीसी प्रणालियों को जोड़ने के लिए तकनीकी रूप से व्यावहारिक समाधान के साथ आते हैं, तो यह बैंकिंग प्रणाली को पूरी तरह से दरकिनार करके सीमा पार भुगतान की लागत को नाटकीय रूप से कम कर सकता है।”
हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके लिए कई कानूनी और तकनीकी प्रोटोकॉल पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समझौते की आवश्यकता होगी, “कुछ ऐसा जो आज की हाइपर-कनेक्टेड वैश्विक अर्थव्यवस्था में काफी हद तक संभव हो”, खासकर जब कल्याणकारी लाभ पर्याप्त हैं।
शंकर ने कहा, ‘हम रेमिटेंस की ऊंची लागत पर असर डालने के लिए कुछ अन्य देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं। इस साल फरवरी में, भारत और सिंगापुर ने यूपीआई-पेनाउ लिंकेज को सक्षम किया था ताकि दोनों देशों के उपयोगकर्ता अपने संबंधित मोबाइल ऐप का उपयोग करके सुविधाजनक, सुरक्षित, तत्काल और लागत प्रभावी सीमा पार हस्तांतरण कर सकें।
शंकर ने कहा, “हमने जुलाई में यूएई के सेंट्रल बैंक के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें अन्य चीजों के अलावा पारस्परिक भुगतान और मैसेजिंग सिस्टम पर इंटरलिंकिंग के संबंध में सहयोग की बात कही गई है।”