केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
– फोटो : twitter/PiyushGoyal
विस्तार
निजता का हनन वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है, जिस वजह से अमेरिका सहित विश्व के तमाम विकसित देश भी अपनी परेशानी जाहिर कर चुके हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार इसपर सतर्क है। भारत सरकार भारत विरोधी देशों से सतर्क है।
लैपटॉप की कीमत या उनकी उपलब्धता में कोई परेशानी नहीं
पत्रकार नलिन मेहता के पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि लैपटॉप के आयात को प्रतिबंधित करने का फैसला सुरक्षा संबंधी चिंताओं को देखते हुए लिया गया है। सरकार के फैसले के कारण कीमत या उनकी उपलब्धता में कोई परेशानी नहीं होगी। भारत सरकार उद्योग के साथ जुड़ने और अन्य विकल्पों पर विचार करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर सुरक्षा का मुद्दा है। चीन के कारण भारत ने टेस्ला पर भी चीन के कारण रोक लगा दिया था। हम सुरक्षा को लेकर काफी सतर्क हैं। भारत को अपने विरोधियों से रक्षा करना आवश्यक है। गोयल ने कहा कि वर्तमान सरकार सुनने वाली सुलभ सरकार है।
गोपनीय जानकारियां लीक होने के लिए लैपटॉप बेहतर विकल्प
गोयल ने आगे कहा कि हमें पता है लैपटॉप हमारा साथी बन चुका है। रोजमर्रा के जीवन में लैपटॉप का इस्तेमाल होता है। लैपटॉप में हमारी गोपनीय जानकारियां हैं। हमारे सारे विशेषाधिकार लैपटॉप में हैं। इसलिए गोपनीय जानकारियां लीक होने के लिए लैपटॉप बेहतर विकल्प है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एक दिन में टीवी देख रहा था तभी वह अचानक एचडीएमआई-एक पोर्ट पर चला गया। मुझे तो अपने फोन को लेकर भी डर लग रहा है, इसकी जांच करानी होगी।
जानिए, ओएनडीसी पर क्या बोले गोयल
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने तीन बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के मालिकों से संपर्क किया है। मैं व्यक्तिगत रूप से तीनों को फोन करता हूं। वे व्यक्तिगत रूप से मुझे बता रहे हैं। मुझे फीडबैक दे रहे हैं। ओएनडीसी ने एक दिन में एक लाख लेनदेन का आंकड़ा प्राप्त कर लिया है। बावजूद इसके मैं इसे अब भी बीटा ही कहता हूं। पीयूष गोयल ने आगे कहा कि कुछ लोग पूछते हैं कि यह तो छोटे विक्रेताओं के लिए है को इसमें अमेजन, फ्लिपकार्ट, टाटा, एयरटेल और रिलायंस को शामिल क्यों कर रहे हैं। इसका सवाल का जवाब देते हुए गोयल ने कहा कि मेरा मानना है कि जनता को छोटी और बड़ी दोनों ही चीजों की आवश्यकता है। ओएनडीसी को सफल बनाने के लिए यह आवश्यक है। इससे उपभोक्ताओं को भी विकल्प मिलेंगे।