सांकेतिक तस्वीर
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सीमा विवाद मुद्दे को लेकर कई बार मुंह की खाने के बाद भी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों की कई बार पिटाई की, जिसके वीडियो दुनियाभर में प्रसारित हुए। वहीं, अब चीन ने अपना नया नक्शा जारी किया है जिसमें उसने भारत के इलाकों को अपने क्षेत्र में दिखाया है। उसकी इस हरकत पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए चीन के सभी दावों को खारिज कर दिया है।
चीन के सभी दावों को किया खारिज
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने आज चीन के तथाकथित 2023 मानक मानचित्र पर चीनी पक्ष के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से कड़ा विरोध दर्ज कराया है। मानचित्र में भारत के जिन क्षेत्र पर दावा किया गया है, हम इन दावों को खारिज करते हैं क्योंकि इनका कोई आधार नहीं है। चीनी पक्ष के ऐसे कदम केवल सीमा मुद्दे के समाधान को जटिल बनाएंगे।
एस जयशंकर बोले- बेतुके दावे करना चीन की पुरानी आदत
वहीं, चीन की इस हरकत को लेकर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कड़ी प्रतिक्रिया है। उन्होंने कहा कि चीन ऐसे बेतुके दावे करता रहता है, ऐसा करना उसकी पुरानी आदत है। आगे बोले कि बेतुके दावे करने से दूसरों का क्षेत्र आपका नहीं हो जाता। अपने आधिकारिक नक्शे में अन्य देशों के क्षेत्रों को शामिल करने का कोई मतलब नहीं है। केवल भारत के कुछ हिस्सों के साथ नक्शा जारी करने से कुछ भी नहीं बदलेगा। हमारी सरकार इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि हमें अपने क्षेत्र में क्या करना है।
भारत के इन इलाकों को दिखाया चीनी नक्शे में
चीन ने अपने मानक मानिचत्र का नया संस्करण जारी किया है। चीन द्वारा मानचित्र जारी करते ही विवाद खड़ा हो गया। दरअसल, चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर को अपने क्षेत्र में दिखाया। भारत ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा।
चीन का यह दावा, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात के बाद आया है। जिस पर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा था कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं पर चर्चा की।