एयरपोर्ट पर अपने परिजनों से मिलते हादसे के शिकार, दुख बांटने के लिए डिप्टी सीएम भी वहां पहुंचे।
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दिनभर गुलजार रहने वाली चौक की बान वाली गली रविवार को कुछ शांत सी थी। शाम पांच बजे यह सन्नाटा तब टूटा जब मुदरै में चेन्नई स्पेशल ट्रेन के कोच में आग लगने से जान गंवाने वाली मनोरमा अग्रवाल और उनकी पोती हिमानी के शव पहुंचे। इसके साथ ही हर तरफ से सिसकने और रोने की आवाज आने लगी। मनोरमा के बेटे व हिमानी के पिता मनोज अग्रवाल, उनकी पत्नी प्रीति और बेटा शिवम शव देखते ही फूट-फूट कर रोने लगे। रिश्तेदार और पड़ोसी ढांढस बंधा रहे थे, पर तीनों को संभालना मुश्किल था। शिवम बिलखते हुए बस यही पूछ रहा था कि अब कौन उसे राखी बांधेगा। करीब 20 मिनट तक दोनों शव घर के बाहरी हिस्से में रखे गए, जहां लोगों ने मनोरमा व हिमानी के अंतिम दर्शन किए। इस दौरान उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी मौजूद रहे। उन्होंने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का भरोसा देते हुए दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद दी। इसके बाद शवों को गोमती तट स्थित गुलाला घाट ले जाया गया, जहां मनोज अग्रवाल ने मुखाग्नि दी। इस दुख की घड़ी में पार्षद अनुराग मिश्रा और पूर्व पार्षद राजकुमार सिंह राजा भी पूरे समय पीड़ित परिवार साथ रहे।
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मोहल्लेवालों की जुबान पर दादी-पोती की ही बातें
मोहल्लेवाले मनोरमा अग्रवाल को ताई कहते थे। लोगों का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि उनका अभिभावक चला गया। धार्मिक स्वभाव की मनोरमा लड़कियों, औरतों को सीख भी देती थीं। पांच साल से उनके घर में काम कर रही लक्ष्मी ने बताया कि ताई ने उसे काम करने का सही तरीका बताया। जरूरत पड़ने पर वह पैसे से भी मदद करती थी। मनोरमा को बहन कहकर बुलाने वाली मीनू भल्ला उन्हें व हिमानी की बातें याद कर रो पड़ीं। गली में परचून की दुकान करने वाले हरीश, रेखा ने बताया कि हिमानी रोजाना ही सामान लेने आती थी। उसकी मौत की खबर पर यकीन नहीं हो रहा है। कपड़े प्रेस करने वाले मोनू ने बताया कि ताई हर त्योहार पर मिठाई, नेग देती थीं। मालकिन और बिटिया के न रहने का पता चलते ही सुबह नौ बजे खदरा से आ गया।
अंतिम दर्शन को हिमानी के दोस्त भी पहुंचे
हिमानी की शुरुआती पढ़ाई ठाकुरगंज के सेंट जोसेफ स्कूल में हुई थी। उसके साथ पढ़ने वाली सिमरन, ईशा, प्रियांशी और हर्ष शुक्ला ने घर पहुंचकर साथी को रुंधे गले से अंतिम विदाई दी। सिमरन ने बताया कि हिमानी पढ़ाई में बहुत तेज थी। नौकरी का कॉल लेटर आने की खुशी उसने दोस्तों संग बांटी थी। हिमानी को याद कर दोस्तों की आंखें नम हो उठीं।
राजनाथ सिंह ने फोन कर जताया दुख
सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हादसे की जानकारी के बाद पीड़ित परिवार से रविवार को बात की। मनोज अग्रवाल के रिश्तेदार प्रदीप ने बताया कि रक्षा मंत्री ने परिवार को ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का भरोसा भी दिया।