उदयनिधि स्टालिन
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देश में इन दिनों एक बयान खूब हंगामा हो रहा है। दरअसल इस बयान में सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही गई है और यह बयान दिया है उदयनिधि स्टालिन ने। उदयनिधि स्टालिन तमिलनाडु सरकार के मंत्री हैं। बयान के बाद उदयनिधि स्टालिन चर्चा के केंद्र में आ गए हैं। तो आइए जानते हैं कि कौन हैं उदयनिधि स्टालिन और आखिर उन्होंने इतना बड़ा बयान क्यों दिया।
कौन हैं उदयनिधि स्टालिन
तमिनलाडु सरकार में खेल और युवा मामलों के मंत्री होने के अलावा उदयनिधि स्टालिन की एक और पहचान हैं और वो पहचान ये है कि वह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और राज्य की सत्ताधारी पार्टी डीएमके के मुखिया एमके स्टालिन के बेटे और पूर्व सीएम एम करुणानिधि के पोते हैं। 27 नवंबर 1977 को चेन्नई के अलवरपेट में जन्मे उदयनिधि स्टालिन एक मशहूर तमिल अभिनेता और फिल्म निर्माता हैं। राजनीति में आने से पहले उदयनिधि स्टालिन कई तमिल फिल्मों में काम कर चुके हैं।
फिल्मी दुनिया से राजनीति में ली एंट्री
उदयनिधि स्टालिन को राजनीति विरासत में मिली है। यही वजह है कि फिल्मों में किस्मत आजमाने के बाद उदयनिधि स्टालिन ने अपनी पारिवारिक विरासत को संभालने का फैसला किया और साल 2019 में सक्रिय राजनीति में उतर गए। साल 2021 में उदयनिधि स्टालिन ने चेपक-थिरुवल्लिकेनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। यह सीट डीएमके की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है। उदयनिधि स्टालिन जिस तरह से तमिलनाडु की राजनीति में उभर रहे हैं, उसे देखते हुए इन्हें एमके स्टालिन के बाद राज्य के भावी सीएम के तौर पर पेश किया जा रहा है। डीएमके के सोशल मीडिया हैंडल पर भी उदयनिधि स्टालिन आकर्षण का केंद्र रहते हैं और अक्सर उनकी जनता के बीच जाने की तस्वीरें और वीडियो साझा की जाती हैं।
उदयनिधि स्टालिन के बयान के मायने क्या हैं
उदयनिधि स्टालिन ने अपने बयान में कहा कि सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए। उदयनिधि का यह बयान यूं ही नहीं दिया गया है, बल्कि इसके सियासी मायने भी हैं। दरअसल उदयनिधि के दादा एम करुणानिधि तमिलनाडु में द्रविड़ आंदोलन के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। द्रविड़ आंदोलन की शुरुआत धार्मिक विश्वासों, ब्राह्मणवादी सोच और हिंदू कुरीतियों पर प्रहार करने के लिए हुई थी और करुणानिधि की पार्टी डीएमके ने द्रविड़ आंदोलन को अपनी राजनीति का आधार बनाया। करुणानिधि भी अपने पूरे राजनीतिक काल के दौरान सामाजिक न्याय और भाषा की राजनीति करते रहे और इसके दम पर उन्होंने लंबे समय तक सत्ता पर काबिज रहे। उनके बाद उनके बेटे और मौजूदा सीएम एमके स्टालिन भी उन्हीं की राह पर हैं। अब उदयनिधि स्टालिन के बयान से साफ है कि वह भी द्रविड़ राजनीति के किले को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।