संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
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चीन ने एक बार फिर 26/11 हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में अड़ंगा लगा दिया है। चीन ने संयुक्त राष्ट्र में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को रोक दिया है। इससे पहले भी चीन साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में रोड़ा बन चुका है। अब इसे लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की इच्छाशक्ति पर ही सवाल खड़े किए हैं। यूएन में भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने कहा कि अगर हम स्थापित आतंकियों को यूएन की वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल नहीं करा पा रहे तो यह आतंकवाद की चुनौती से निपटने की इच्छाशक्ति में कमी को दर्शाता है।
भारत ने बिना नाम लिए साधा चीन पर निशाना
यूएन में भारतीय प्रतिनिधि ने कहा, “अगर हम ऐसे स्थापित आतंकी, जिन्हें दुनियाभर में आतंकवादी करार दिया गया है, उन्हें भी कुछ देशों के भू-राजनीतिक हितों के कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वैश्विक आतंकी घोषित नहीं करा पा रहे हैं तो इसका सीधा मतलब है कि हम में आतंकवाद की इस चुनौती से निपटने की असल राजनीतिक इच्छाशक्ति ही नहीं है।”
#WATCH | “…If we cannot get established terrorists who have been proscribed across global landscapes listed under security council architecture for pour geopolitical interest, then we do not really have the genuine political will needed to sincerely fight this challenge of… pic.twitter.com/OkPtikPCJW
— ANI (@ANI) June 21, 2023
गौरतलब है कि साजिद मीर भारत के मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल है। 2008 में मुंबई में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने आतंकी हमला किया था। करीब पांच दिन चले इस हमले में 166 से ज्यादा नागरिकों की मौत हो गई थी।
आतंकवाद को रोकने की कोशिश में रोड़ा बन रहा चीन
चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकवादी के रूप में मीर को काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डालने के लिए प्रस्ताव को रोक दिया। प्रस्ताव में उसकी संपत्ति जब्त करने, यात्रा और हथियार पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई। इसके लिए अमेरिका ने प्रस्ताव पेश किया था और भारत ने उसका समर्थन किया था।
पिछले साल सितंबर में भी चीन ने संयुक्त राष्ट्र में मीर को आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगा दिया था और बीजिंग ने अब प्रस्ताव को रोक दिया है। मीर भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक है और 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका के लिए अमेरिका की ओर से उस पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा गया है।
बीते साल मीर को पाकिस्तान में एक आतंकवाद-रोधी अदालत द्वारा आतंक के वित्तपोषण मामले में 15 साल से अधिक समय के लिए जेल की सजा सुनाई थी। इससे पहले पाकिस्तानी अधिकारियों ने दावा किया था कि मीर की मौत हो चुकी है, लेकिन पाकिस्तान इसे साबित नहीं कर सका।
भारत ने चलाई थी साजिद मीर की ऑडियो क्लिप
इससे पहले अक्तूबर 2022 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने मुंबई में साल 2008 में हुए आतंकी हमले के पाकिस्तानी कनेक्शन का खुलासा किया था। इसमें बताया गया कि आतंकियों के आका मुंबई हमले की साजिश रच रहे थे और कैसे उन्होंने आदेश देकर इस हमले को अंजाम दिलाया। यह आदेश देने वाला साजिद मीर था जो उस वक्त पाकिस्तान में बैठकर मुंबई में आए 10 आतंकियों को फोन पर निर्देश दे रहा था।
इस संबंध में भारत ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सामने एक ऑडियो क्लिप भी चलाई थी। ऑडियो क्लिप मुंबई के छबाड़ हाउस की है जहां साजिद मीर आतंकियों से कह रहा था, ‘जहां कहीं पर लोगों की मूवमेंट नजर आती है। कोई बंदा छत पर चल रहा हो या कोई आ रहा है या जा रहा है, उस पर फायर ठोको। उसे नहीं पता वहां क्या हो रहा है।’
कौन है आतंकी साजिद मीर
पाकिस्तानी आतंकी साजिद मीर वही है, 26 नवंबर 2008 को मुंबई हमले के दौरान आतंकी अजमल कसाब समेत अन्य सभी आतंकियों को फोन पर हमले के लिए लगातार उनके संपर्क में रहकर निर्देश दे रहा था। जिंदा पकड़े गए आतंकी कसाब ने साजिद मीर का नाम लिया था। मुंबई हमले की साजिश में लश्कर का संस्थापक हाफिज सईद व जकिउर रहमान लखवी भी शामिल था।