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इस्राइल और हमास के बीच जारी युद्ध के बीच इस्राइल के राजदूत ने बड़ा बयान दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में इस्राइली दूत ने ईरान पर हमास को फंडिंग के आरोप लगाए हैं। इस्राइली दूत ने कहा है कि आतंकी संगठन समूह हमास के अभियानों को ईरान फंड कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र में इस्राइल के प्रतिनिधि गिलाद एर्दान ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि ईरान ही हमास के अभियानों का समर्थन कर रहा है।
ईरानी राष्ट्रपति ने किए बड़े दावे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस्राइली राजदूत के बयान से कुछ देर पहले ही ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा था कि ईरान फिलिस्तीनियों के आत्मरक्षा के अधिकारों का समर्थन करता है। रायसी ने सराकरी चैनल के माध्यम से कहा था कि इस्राइल और उसके समर्थक राष्ट्र की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्हें ही इस युद्ध और जनहानि का जवाबदेह माना जाना चाहिए। ईरानी राष्ट्रपति ने सीरिया, लेबनान और इराक सहित अन्य मुस्लिम देशों की सरकारों से फिलिस्तीन का समर्थन करने का आग्रह किया था। उन्होंने फिलिस्तीन के गतिरोध प्रयासों का समर्थन किया था। रियासी का दावा है कि फिलिस्तीनियों को हतोस्ताहित करने के लिए इस्राइल अरब सहित अन्य मुस्लिम राष्ट्रों के साथ संबंधों को मजबूत करने की कवायद में जुटा था।
ताजा संघर्ष का आखिर असल कारण क्या है?
हमास के प्रवक्ता खालिद कादोमी ने समाचार वेबसाइट अल जजीरा को बताया है कि यह हमला उन सभी अत्याचारों का जवाब है जो फिलिस्तीनी नागरिक दशकों से सहते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय गाजा में अत्याचार रोके। फिलिस्तीनी लोगों पर अत्याचार बंद हो। अल-अक्सा जैसे हमारे पवित्र स्थल को अतिक्रमण से मुक्त किया जाए। टेलीग्राम पर किए एक पोस्ट में हमास ने अरब और इस्लामिक देशों से इस लड़ाई में साथ देने का अह्वान भी किया है।