सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
प्रदेश के कई जिलों में किसानों ने फसल बीमा योजना में हेराफेरी की है। कहीं बिना फसल बोए तो कहीं रकबा बढ़ाकर बीमा का लाभ ले लिया। कुछ जगहों तो एक ही फसल का दो-दो बैंकों से बीमा राशि लिया गया है। अब तक इस तरह के करीब आठ हजार मामले सामने आए हैं।
अब बीमा लेने वाले सभी किसानों की नए सिरे से जांच की जा रही है। गलत तरीके से लाभ लेने वालों से वसूली होगी। वहीं, कृषि विभाग इस तरह की हेराफेरी रोकने के लिए रणनीति भी बना रहा है।
प्रदेश में फसल बीमा का दायरा लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2022-23 में खरीफ व रबी फसल को मिलाकर 41.47 लाख किसानों का बीमा हुआ। करीब 28.95 लाख हेक्टेयर खेत और 16009.19 करोड़ रुपये का बीमा किया गया। इसमें किसानों ने 283.58 करोड़, राज्य सरकार ने 612.12 करोड़ और केंद्र ने 610.61 करोड़ रुपये का प्रीमियम दिया।
विभाग ने 10.67 लाख किसानों को 795.96 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति बांटीं। सूत्रों का कहना है कि बीमा क्लेम के भुगतान के दौरान करीब आठ हजार मामले में हेराफेरी का पता चला है। कुछ किसानों ने दो से तीन बार क्लेम ले लिया है तो कुछ ने क्लेम लेने की कोशिश की है।