कैंसर-शुगर को हराएगी काशी की लाल भिंडी
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भिंडी तो आपने अब तक हरी ही देखी होगी मगर अब लाल भी बाजार में आ जाएगी। बरेली के कृषि विज्ञान केंद्र में ट्रायल के तौर पर दो बीघे में लाल भिंडी की पैदावार की गई है। ट्रायल सफल रहा और पहली तुड़ाई भी हो गई है। यह औषधीय गुणों से भरपूर है। कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि यह भिंडी कैंसर और शुगर जैसी बीमारियों की रोकथाम और उन्हें हराने में मददगार साबित होगी।
सब्जी की इस किस्म को विकसित तो वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने किया है। बरेली ने प्राकृतिक तरीके से इसकी पैदावार को आगे बढ़ाया है। इसे काशी लालिमा नाम दिया गया है। मृदा विशेषज्ञ वाणी यादव ने बताया कि इसकी पैदावार पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से की गई है।
इसमें जीवामृत खाद का प्रयोग किया गया है। यानि बीज डालने के बाद जब पौधा तैयार हुआ तो खाद के तौर पर गाय का गोबर, गोमूत्र, वेसन और पुराने पेड़ के पास से मिट्टी का जीवामृत तैयार कर छिड़काव किया गया है। करीब दो महीने में यह फसल तैयार हुई है। उन्होंने बताया कि यह फसल पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से की गई है तो इसका स्वाद भी बहुत अच्छा है।
बीमारियों से लड़ने में है मददगार
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रबंधक अमित पिप्पल ने बताया कि काशी लालिमा में एंथोसाइनिन पाया जाता है, जबकि हरे रंग की भिंडी में क्लोरोफिल मौजूद होता है। एंथोसाइनिन लाल भिंडी का कारक होता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर को स्वस्थ रखने में मददगार हैं। लेक्टिन नाम का स्पेशल प्रोटीन भी पाया जाता है। इससे कैंसर के इलाज में मदद मिल सकती है।