फाइल फोटो
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
पावर कॉरपोरेशन की जिस गोपनीय जांच रिपोर्ट पर एक्सईएन को निलंबित कर एफआईआर दर्ज करा दी गई, उसे पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम ने खारिज कर दिया है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कॉरपोरेशन में हलचल मची है। अब गलत जांच रिपोर्ट देने वाली टीम पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने खुद दोनों जांच रिपोर्ट तलब कर ली है।
ऊर्जा विभाग में संशोधित वितरण क्षेत्र योजना के तहत विभिन्न स्थानों पर कार्य चल रहे हैं। क्वालिटी सेल की मांग पर गाजियाबाद में पावर कॉरपोरेशन की दो सदस्यीय टीम निरीक्षण करने पहुंची। टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 900 ड्रम सामग्री मौके पर उपलब्ध नहीं मिली। जो सामग्री मिली वह तय मानकों के अनुरूप पैक और सील नहीं थी।
आपूर्तिकर्ता द्वारा घटिया गुणवत्ता की सामग्री आपूर्ति की गई। इस रिपोर्ट के आधार पर पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने विद्युत वितरण खंड प्रथम मेरठ के अधिशासी अभियंता रामबाबू को निलंबित कर दिया और उन्हें शक्ति भवन लखनऊ से संबद्ध कर दिया। इस मामले में अधिशासी अभियंता और सामग्री आपूर्ति करने वाली फर्म के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई।
कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक ने पूरे मामले में 15 अप्रैल को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की प्रबंध निदेशक चैत्रा वी को जानकारी दी। इस पर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की प्रबंध निदेशक ने पूरे मामले की दोबारा जांच के लिए मुख्य अभियंता के नेतृत्व में हाईपावर कमेटी गठित कर दी। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि मौके पर 900 ड्रम केबिल मौजूद है।