अस्पताल (सांकेतिक फोटो)
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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में गर्भपात के दौरान महिला की आंत और बच्चेदानी काटने का आरोप लगाकर परिजन ने हंगामा किया था। मामले में पुलिस ने अस्पताल संचालक सहित छह चिकित्सीय स्टाफ के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की है। वहीं शनिवार देर रात पुलिस ने आरोपी अस्पताल संचालक को गिरफ्तार कर लिया। अदालत में पेश करने के बाद इसे जेल भेज दिया। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
मामला पचोखरा थाना क्षेत्र के जारखी गांव का है। गांव निवासी प्रबल प्रताप सिंह की पत्नी चांदनी यादव तीन माह की गर्भवती थी। परिजन उसे बुधवार दोपहर गर्भपात के लिए मोहम्मदाबाद गांव स्थित गोपीराम अस्पताल लाए थे। अस्पताल संचालक डॉ. रोहित चक ने एक घंटे के बाद गर्भपात कर उसे घर भेज दिया था। रक्तस्राव बंद नहीं होने के पर महिला की हालत बिगड़ गई थी। तब परिजन उसे आगरा के एक निजी अस्पताल ले गए थे, जहां चिकित्सकों ने महिला की आंत व बच्चेदानी कटी होने की जानकारी दी थी।
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इसको लेकर परिजन ने शनिवार शाम अस्पताल पहुंचकर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। पुलिस ने पहुंचकर परिजन को शांत कराया था। इस घटना के साथ ही 11 दिन पूर्व भी प्रसूता की बच्चेदानी निकालने के मामले का संज्ञान लेते हुए मौके पर पहुंचे एसीएमओ डॉ. बीडी अग्रवाल व सीएचसी अधीक्षक डॉ. कृति गुप्ता ने अस्पताल के मरीजों को जिला अस्पताल में शिफ्ट कराते हुए अस्पताल को सील करा दिया था।
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महिला के पति प्रबल प्रताप सिंह की तहरीर पर अस्पताल संचालक डॉ. रोहित चक, कल्पना, कृष्ण शर्मा, रंजना, डॉ. विष्णु व राजीव कुमार के विरुद्ध दर्ज कर ली है। इसके साथ ही पुलिस ने आरोपी अस्पताल संचालक रोहित चक को गिरफ्तार कर न्यायालय भेजा, जहां से उसे जेल भेज दिया। थाना प्रभारी प्रदीप कुमार का कहना है कि तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करते हुए आरोपी अस्पताल संचालक को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।