होलीपुरा की हवेलियां
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ताज महल और चंबल सफारी आने वाले पर्यटकों को हेरिटेज विलेज होलीपुरा की हवेलियां अचरज में डाल देती हैं। वहीं बटेश्वर की शिव मंदिर शृंखला का इतिहास और भूगोल रोमांचित कर देता है। यही वजह है कि बटेश्वर के मंदिरों के साथ होलीपुरा और कमतरी की हवेलियां ईको टूरिज्म के हब के रूप में विकसित हो रही हैं। 35 लाख रुपये की लागत से नंदगवां में विकसित हुए इंटर प्रिटेशन सेंटर के बाद ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिला है। पुरानी हवेलियां रोशन होने से पर्यटन का बढ़ावा मिलेगा।
रेंजर उदय प्रताप सिंह ने बताया कि घड़ियाल, मगरमच्छ और डॉल्फिन को देखने के लिए अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, फ्रांस, जर्मनी तक से पर्यटक आते हैं। चंबल सफारी जरार के निदेशक आरपी सिंह कहते हैं कि सफारी आने वाले पर्यटक होलीपुरा की हवेली और बटेश्वर के मंदिर देखने जरूर जाते हैं। होलीपुरा, शौरीपुर, बटेश्वर के विकास के साथ ही ईको टूरिज्म को पंख लगेंगे। कैबिनेट ने पीपीपी मॉडल पर राही पर्यटक गृह के विकास को मंजूरी दी है। जिससे पर्यटकों का ठहराव के साथ स्थानीय लाेगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।