रामपुर के छात्र ने कोटा में की खुदकुशी
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जेईई की तैयारी के लिए कोटा गए रामपुर के टांडाके फैजुल्लानगर गांव के छात्र बहादुर सिंह (17) की आत्महत्या से परिवार टूट गया है। पति की मौत के बाद से बहादुर की मां किरन देवी गांव में ही परचून की दुकान चलाकर अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही हैं। तीसरे नंबर के बेटे बहादुर को इंजीनियर बनाने के लिए उन्होंने अपनी तीन बीघा जमीन भी बेच दी थी, लेकिन जब उन्हें बेटे की मौत की खबर मिली तो वह बदहवाश हो गईं। उनके सारे अरमान बिखर गए।
आठ साल पहले डायरिया से पति की मौत के बाद किरन गांव में परचून की दुकान के सहारे अपने चार बच्चों जय भीम, जय भारत, बहादुर और बेटी भीमप्रिया पालन-पोषण करने लगीं। किरन के साथ उनकी सास मुन्नी देवी भी रहती हैं।
किरन का बड़ा बेटा जय भीम दिल्ली में पढ़ाई कर रहा है, जबकि दूसरे नंबर का बेटा जय भारत घर पर रहकर ही कोचिंग करके सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है। छोटी बेटी भीमप्रिया मां के साथ रहती है।
तीसरे नंबर का बेटा बहादुर पढ़ाई में काफी अच्छा था। उनके पिता का मन था कि वह इंजीनियर बने। बेटे को इंजीनियर बनाने के लिए पिता जीवित नहीं रहे, लेकिन पति के सपने को साकार करने के लिए किरन ने बड़ा कदम उठाया।