पराली पर लेटे मरीज
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सड़क किनारे पड़ीं 30-40 चारपाइयों और जमीन पर पराली डालकर लेटे लोग, पास बैठे पंखा झलते उनके परिजन, पेड़ पर टांगी गईं ग्लूकोज की बोतलें… यह नजारा शाहजहांपुर के पुवायां से नाहिल रोड पर गांव बढ़ारू बिजला मोड़ के पास का है, जहां करीब 50 बुखार पीड़ितों का इलाज चल रहा था। यहां कोई डॉक्टर नहीं दिखता, पास में ही एक मेडिकल स्टोर जरूर है।
नाम न छापने की शर्त पर यहां मौजूद लोग बात करने के लिए तैयार हुए। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में बहुत अधिक भीड़ है। घंटों इंतजार के बाद डॉक्टर कर पहुंच पाते हैं। उसके बाद दवाएं लेने के लिए लंबे इंतजार के साथ कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। तभी तो बुखार पीड़ित की हालत बिगड़ने पर यहां लाते हैं। दवा के साथ ग्लूकोज चढ़ाने से हालत में सुधार आ रहा है। यहां एक दंपती को भी बुखार के चलते पराली पर लिटा कर ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा था।
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डॉक्टर की जगह झोलाछाप से इलाज कराने की बात पर वे कहते हैं कि ऐसी हालत में वे कैसे सरकारी अस्पताल जाएं। झोलाछाप से इलाज कराना उनकी मजबूरी है। वैसे भी यहां डॉक्टर नहीं दिखा। मेडिकल स्टोर से ही दवाएं और चिकित्सकीय परामर्श दिया जा रहा था। हालांकि ग्रामीण समय-समय पर एक डॉक्टर के जांच करने की बात कह रहे हैं लेकिन वे उसकी पहचान बता पाने में असमर्थ दिखे।