सांकेतिक तस्वीर
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पीलीभीत में एक होमगार्ड को उसके गैरहाजिर होने के बावजूद दो दिन का फर्जी भुगतान कराना विभाग के तीन अधिकारियों को भारी पड़ गया। सेवानिवृत्त हो चुके पूरनपुर के ब्लॉक ऑफिसर, एक कंपनी कमांडर और एक प्लाटून कमांडर पर 170 रुपये के गबन का आरोप सिद्ध होने के बाद एसीजेएम (प्रथम) अमित यादव ने शनिवार को तीनों को चार-चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। होमगार्ड सूरज की मृत्यु हो चुकी है।
वर्ष 2003 का यह मामला पूरनपुर थाने से जुड़ा हुआ है। दर्ज कराई गई एफआईआर की विवेचना शासन के आदेश पर सीबीसीआईडी ने की थी। विवेचना के मुताबिक होमगार्ड सूरज प्रसाद की चौकी घुंघचाई में रात को ड्यूटी लगी थी। वह 10 सितंबर को ड्यूटी से गैरहाजिर रहा तो इसकी सूचना (तस्करा) चौकी के मुंशी राजाराम ने जीडी में अंकित कर दी। सूरज 13 सितंबर को लौटा तो भी जीडी में वापसी का तस्करा दर्ज किया गया। इसके मुताबिक सूरज 10 से 12 सितंबर तक गैरहाजिर रहा।