प्रतीकात्मक तस्वीर।
– फोटो : (फाइल फोटो)
विस्तार
स्वामित्व संपत्ति कार्ड प्रदेश के ग्रामीणों की पुश्तैनी और नई संपत्ति के सही मूल्य का निर्धारण करने के साथ उसका सही उपयोग करने में मददगार होगा। पंचायतीराज विभाग के साथ अन्य विभागों के सहयोग से ग्रामीणों को संपत्ति कार्ड बनवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सोमवार को बैंकर्स इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलेपमेंट (बर्ड) के परिसर में हुई कार्यशाला में स्वामित्व संपत्ति कार्ड के उपयोग और महत्व पर चर्चा की गई।
कार्यशाला में संपत्ति कार्ड को निर्णायक साक्ष्य के रूप में उपयोग करने, संपत्ति कार्ड के हस्तांतरण, आबादी भूमि का मूल्यांकन, बैंक से ऋण लेने के लिए संपत्ति कार्ड का उपयोग करने की संभावना के बारे में भी जानकारी दी गई। केंद्र सरकार के पंचायतीराज विभाग के संयुक्त सचिव आलोक प्रेम नागर ने कहा कि ग्रामीण अपनी पुश्तैनी संपत्ति के कागजात और संपत्ति का सही मूल्यांकन न होने के कारण उसका वित्तीय लेनदेन में उपयोग नहीं कर पाते हैं।
ये भी पढ़ें – मायावती ने 23 अगस्त को लखनऊ में बुलाई बैठक, लोकसभा चुनाव में यूपी की स्थिति पर होगी चर्चा
ये भी पढ़ें – कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम बोले, पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को मेरी वेशभूषा से चिढ़ है
ग्रामीणों को अपनी संपत्ति का सर्वे कराकर सही मूल्यांकन संपत्ति कार्ड पर दर्ज करना चाहिए। इससे वह अपनी संपत्ति पर बैंक से किसी भी तरह का कर्ज भी ले सकेंगे। इस दौरान यशवंत राव चौहान एकेडमी ऑफ डेवलपमेंट एंड एडमिनिस्ट्रेशन, पुणे के महानिदेशक एस चोकलिंगम, बर्ड के निदेशक निरुपम मेहरोत्रा ने भी विचार रखे। इस अवसर पर विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।