भारत नेपाल सीमा
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कोलकाता, दिल्ली रूट पर सख्ती बढ़ने के बाद अब तस्करों ने सोने की तस्करी के लिए नेपाल की पगडंडियों को चुना है। तस्करी के नेटवर्क में शामिल नेपाल के स्थानीय लोग बार्डर पर पगडंडियों के रास्ते साइकिल के सहारे स्कूल के बैग या झोले में सोने के बिस्किट रखकर सोनौली और निचलौल पहुंचा देते हैं। इसके बाद नेटवर्क की दूसरी टीम सोना को गंतव्य तक पहुंचाती है।
खुफिया एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, नेपाल की सीमा से सटे गांवों के लोगों को तस्करों ने अपने नेटवर्क में शामिल कर रखा है। ये लोग सोने के बिस्किट को बैग में रखकर बड़े आराम से साइकिल चलाते अड्डे तक पहुंचा देते हैं। एक दिन में दो से तीन बार सोने की खेप को संबंधित तक पहुंचा देते हैं। सोने की तस्करी के लिए निचलौल खास सेंटर बन गया है। यहां पुराना मार्केट, सिनेमा रोड के दो छोटे दुकानदारों तक सोना पहुंचाने का जिम्मा इन्हीं नेपाली मूल के लोगों का होता है।
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नेपाली मूल वाले ब्रोकर सीमा पर भारत में सटे चार-पांच छोटे बार्डर की पगडंडियों से होकर सीधे निचलौल पहुंच जाते हैं। यहां के कुछ सराफा व्यापारियों की दखल भी पिछले कुछ दिनों से शहर के हिंदी बाजार के अलावा अलीनगर और गोलघर के बाजार में बढ़ी है। सूत्रों के मुताबिक, नेपाल से अवैध सोने की खेप निचलौल का व्यापारी अपनी गाड़ी से लेकर शहर में आता है। गोपी गली वाले दुकानदार के अलावा बाजार के दो और व्यापारियों के पास सोने की डिलीवरी कर देता है।
यहां से चार घंटे के भीतर मोटी रकम लेकर वापस लौट जाता है। पिछले दिनों नेपाल में पकड़े गए सोने को गोरखपुर पहुंचाने की तैयारी चल रही थी। एजेंसी के पास सटीक सूचना थी कि इस बार सोने की खेप को गोरखपुर वाले व्यापारी, भारत में आने के बाद खुद लेने जाएंगे। नेपाल के बिचौलिए के सहारे से ये बार्डर पार करवाएंगे। इसी बीच खेप पकड़े जाने से अवैध सोने की तस्करी करने वाले दबोचे नहीं जा सके।
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