सांकेतिक तस्वीर।
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बरेली के फतेहगंज पश्चिमी में मुठभेड़ के दौरान सिपाही परमेंद्र सिंह की हत्या के मामले में बुधवार को विशेष न्यायाधीश पीसी एक्ट सुरेश कुमार गुप्ता की अदालत ने चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने एक दिन पहले ही अभियुक्तों को सिपाही की हत्या का दोषी ठहराया था।
19 जनवरी 2007 को आरक्षी निर्दोष कुमार ड्यूटी समाप्त करके चौकी पर आए थे। रात 12:45 बजे उनके पास आरक्षी परमेंद्र सिंह का फोन आया कि नखासा बाजार में बदमाश आ गए हैं। वह बाग में गए तो वहां से फायरिंग की आवाजें आ रही थीं। निर्दोष कुमार ने परमेंद्र सिंह से चिल्लाकर कहा कि हम आ गए हैं। टॉर्च की रोशनी में बदमाशों को ललकारा। खुद को घिरता देखकर बदमाशों ने पुलिसवालों पर फायरिंग शुरू कर दी।
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सिपाही को लगी थीं कई गोलियां
सिपाही परमेंद्र सिंह व होमगार्ड राजेश वहां डटे रहे। इस बीच गोलियां लगने से परमेंद्र सिंह घायल हो गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वारदात के कुछ दिन बाद पुलिस ने बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। अभियोजन की ओर से सरकारी वकील दिगंबर पटेल ने 11 गवाह पेश किए।