मदरसा
– फोटो : सांकेतिक तस्वीर
विस्तार
कुछ समय पूर्व शासन के निर्देश पर मिर्जापुर जिले में हुए सर्वे में 8 मदरसे बिना मान्यता के संचालित पाए गए। इनमें से कुछ एक ही कक्ष में संचालित हो रहे हैं। इन मदरसों पर कार्रवाई की संस्तुति की गई है। हालांकि छात्रवृत्ति की कोई शिकायत नहीं मिली। कक्षा एक से लेकर आठ तक के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति पहले ही रोक दी गई है। यूपी बोर्ड की तरह इन मदरसों में प्राथमिक से माध्यमिक कक्षाओं तक की शिक्षा दी जाती है। कुछ जगह स्नातक व पीजी के भी पाठ्यक्रम चलते हैं। जिले में यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त 374 मदरसे संचालित हैं।
शासन के निर्देश पर जब जिले में बिना मान्यता वाले मदरसों का सर्वे किया गया तो आठ मदरसे ऐ चिह्नित किए गए जो न किसी बोर्ड से संबद्ध हैं और न ही उनकी मान्यता है। इन 8 मदरसों में तकरीबन छह सौ विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इनमें से एक मदरसा ऐसा है, जहां सर्वे के दौरान मौके पर एक भी विद्यार्थी नहीं मिला। मौखिक रूप से बताया गया कि इस मदरसे में लगभग 80 बच्चे अध्ययनरत हैं।
धिकांश किराए के भवन में संचालित
इस प्रकार के जो भी मदरसे मिले, उनमें से अधिकांश में एकल शिक्षक ही मिले। इसी प्रकार अधिकतर मदरसों में धार्मिक शिक्षा अथवा अरबी व कुरान की शिक्षा दिए जाने की बात कही गई। एक मदरसा ऐसा मिला, जिसमें परिषदीय पाठ्यक्रम लागू है, लेकिन मान्यता नहीं है। सर्वे में इस प्रकार के जो भी मदरसे मिले हैं, उनमें से अधिकांश किराए के भवन में संचालित हैं।
ये भी पढ़ें: त्रयोदशाह में आई नानी-नातिन की सांप डसने से मौत, अस्पताल ले जाने की जगह परिजन कराते रहे झाड़ फूंक