सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
महाराजगंज में बिजली निगम के तीन उप खंडों में बृहस्पतिवार की रात आग लग गई। आग के दौरान कार्यालय में रखे सभी सरकारी अभिलेख जल गए। अचानक आग की घटना को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। क्योंकि इन दफ्तरों में करीब एक हजार बिजली बिलों की जांच की जानी है। बिजली बिल में हेराफेरी को लेकर पूर्व में पांच लोग सस्पेंड भी किए जा चुके हैं। बहरहाल, मामले को गंभीर मानते हुए मुख्य अभियंता के निर्देश पर अधीक्षण अभियंता, महाराजगंज ने विभागीय जांच के लिए पांच सदस्यों की टीम गठित कर दी है।
बिजली बिल में हेराफेरी को लेकर पिछले साल से ही महाराजगंज जिला चर्चा में हैं। यहां एक हजार से अधिक बिजली बिलों की जांच की जानी है। पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज ने पांच लेखाकारों की एक स्पेशल ऑडिट टीम गठित की है। यह टीम महाराजगंज खंड में 2022 और 2023 के बिलों में गड़बड़ी की जांच करेगी। इसी मामले में पिछले वर्ष चेयरमैन ने बिलों की गड़बड़ी में संलिप्त पांच कर्मचारियों का निलंबन भी किया था।
इसे भी पढ़ें: सुबह से ही चलने लगे लू के थपेड़े, अब तो घर से निकलना भी मुश्किल
एसडीओ की शिकायत पर हुआ था खुलासा
दरअसल, पूरा मामला महाराजगंज मंडल के ही एक एसडीओ विवेक पांडेय की शिकायत पर खुला था। एसडीओ ने चेयरमैन को व्हाट्सएप कर शिकायत की थी। जिसमें लिखा था कि विद्युत वितरण खंड महाराजगंज के कुछ उपभोक्ताओं के विद्युत बिल बकाए को देखने के बाद पता चला कि वास्तविक बकाया धनराशि को उपखंड के माध्यम से गलत तरीके से कम किया गया है और इससे राजस्व क्षति हुई है।
एसडीओ ने इस संबंध में जांच कराए जाने की सिफारिश की थी। चेयरमैन ने जांच कराने के बाद पिछले वर्ष ही पांच लोगों को निलंबित कर दिया। अब इसी मामले में तीनों उपखंड के दफ्तरों के बिजली बिलों की जांच के लिए स्पेशल ऑडिट की टीम गठित की थी। अभी ये टीम जांच शुरू करती कि इसके पहले ही आग लगने की घटना हो गई।