सांकेतिक तस्वीर
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वायु प्रदूषण रोकने के लाख प्रयासों के बावजूद ये गहरी चिंता का विषय बन गया है। शिकागो विश्वविद्यालय के एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण की वजह से जिंदगी घट रही है। गौतम बुद्ध नगर में वायु प्रदूषण के कारण लोगों की जिंदगी करीब 11 साल घट गई है। दूसरे नंबर पर गाजियाबाद और तीसरे नंबर पर मथुरा है।
उन्नाव, लखनऊ और कानपुर में भी 9 से 10 साल उम्र घट रही है। ये स्थिति दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सहित अन्य राज्यों की भी है। एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स की अगस्त को जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण के कारण औसत मानव जीवन घट रहा है।
दूसरे शब्दों में कहें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों पर वायु में पीएम 2.5 का स्तर ले आएं तो औसत मानव जीवन प्रत्याशा में वृद्धि हो जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण हमारे लिए कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शराब, सिगरेट और हादसों से कई गुना ज्यादा मौतें वायु प्रदूषण से हो रही हैं।
देश के अन्य राज्यों की तुलना में यूपी की वायु गुणवत्ता दिल्ली के बाद सबसे खराब है। अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन के पीएम 2.5 मानक पांच के बराबर वायु गुणवत्ता का स्तर आ जाए तो यूपी के लोगों की औसत आयु करीब 8.8 साल बढ़ जाएगी।