रेलवे स्टेशन के प्लेटफाॅर्म नंबर दो पर रविवार की सुबह यात्रियों में जबरदस्त उत्साह नजर आया। पहली बार सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत से यात्रा का मौका जो था। यात्रियों में तो उत्साह नजर आया ही, उन्हें छोड़ने आए घरवाले और शुभचिंतक भी काफी खुश दिखे। कुशीनगर के कसया की नम्रता राय लखनऊ में वकालत की पढ़ाई कर रही हैं। उनको छोड़ने आई छोटी बहन रिया ने चहकते हुए कहा-दीदी! पहले मेरी एक फोटो ट्रेन के साथ खींच दो। फिर तुम जाकर सफर के लिए बैठ जाना..।
रविवार की सुबह पांच बजे ही प्लेटफॉर्म नंबर दो पर मेले जैसा नजारा देखने को मिला। प्लेटफाॅर्म पर वंदे भारत ट्रेन खड़ी थी और उसे देखकर लोगों में सेल्फी लेने की होड़ मच गई। प्लेटफाॅर्म नंबर तीन, चार और अन्य ट्रेनों से सफर करने वाले यात्री भी वंदे भारत के पास आए और फोटो खिंचवाए। सुबह 5.10 बजे सिद्धार्थनगर जा रहीं पृथा श्रीवास्तव, अविरल और आदर्श ट्रेन को देखकर प्लेटफाॅर्म नौ से दो पर चले आए। तीनों ने फोटो खिंचवाई।
उनके अलावा दूसरी ट्रेन का टिकट लेने आए संतोष सिंह भी खुद को रोक नहीं पाए। वह वंदे भारत को करीब से देखने पहुंचे। ट्रेन के कोच सी वन 24 नंबर सीट पर जौनपुर के मोहम्मद शाकिर सवार हुए। अपनी सीट पर बैठने के पहले उन्होंने सेल्फी ली। राप्तीनगर की मनीषा बेटे ईशान को छोड़ने आई थीं। वह ट्रेन के रवाना होने के बाद भी उसे निहारती नजर आईं। अधिकांश यात्रियों ने ऐसा ही किया।
ट्रेन में सुरक्षा को लेकर भी खास बंदोबस्त किया गया था। ट्रेन के रवाना होने के पहले जीआरपी के बम निरोधक दस्ते ने पूरे ट्रेन की चेकिंग की। अफसरों ने ट्रेन में जाने वाले क्रू मेंबर को यात्रियों के साथ अच्छे व्यवहार की हिदायत दी। ट्रेन के प्लेटफाॅर्म छोड़ने के बाद भी पांच मिनट तक लोगों में कौतूहल बना रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गोरखपुर लखनऊ वाया अयोध्या वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी। ट्रेन के शुभारंभ पर तब रेलवे कर्मचारी, विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थी, अध्यापक और अभिभावक, क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति के सदस्यों सहित रेलवे से आमंत्रित लोगों ने सफर किया था।
पायलट की पत्नी उत्साहित…पीएम ने झंडी दिखाई, अब पति चलाएंगे
वंदे भारत ट्रेन को लेकर लखनऊ जा रहे लोको पायलट देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव को छोड़ने उनका परिवार भी आया था। पत्नी प्रीति के चेहरे पर खुशी के भाव थे। उन्होंने कहा कि जिस ट्रेन को पीएम नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई है, उसे मेरे पति लेकर पहली बार जा रहे हैं। यह पूरे परिवार के लिए खुशी की बात है। देवेंद्र के साथ असिस्टेंट लोको पायलट देवी प्रसाद मौर्या भी ट्रेन के इंजन वाले कोच में सवार थे।
मोदी-योगी ने चलवाई ट्रेन, सोचा कि मां को अयोध्या दर्शन करा दूं
वंदे भारत ट्रेन में तमाम यात्री अयोध्या जाने के लिए बैठे। कोच सी थ्री में सवार रुस्तमपुर के संतोष चौधरी भी अपनी मां चंद्रावती और बहन पूजा के साथ अयोध्या जा रहे थे। संतोष ने कहा कि पीएम मोदी और सीएम योगी ने ट्रेन चलवाई है। इसलिए सोचा कि मां को अयोध्या ले जाकर दर्शन करा दूं। इस ट्रेन से सुबह जाकर कोई भी समय से लौट आएगा। परिवार के साथ यात्रा करने के लिए अच्छी सुविधा मिल गई है।
तगड़ी नजर आई सुरक्षा व्यवस्था
ट्रेन के रवाना होने के पहले जीआरपी की ओर से सघन जांच की गई। जीआरपी के बम निरोधक दस्ते के एचसीपी दिलीप कुमार, प्रभात पांडेय राजू, रामगोपाल, कृष्ण कुमार समेत छह सदस्यीय दल ने हर कोच में सीटों के नीचे, टॉयलेट, सामान रखने वाले स्थान की जांच की। टीम की अगुवाई कर रहे दिलीप कुमार ने बताया कि ट्रेन की चेकिंग का निर्देश मिला था।
यात्री बोले-जबरदस्त है यह ट्रेन
जिस ट्रेन को पीएम ने हरी झंडी दिखाई, उसमें पहली बार सवार होने की खुशी कैसे बताएं। हम अयोध्या तक जाएंगे। इस ट्रेन की पहली यात्रा धार्मिक ही होनी चाहिए। ट्रेन ने गोरखपुर का मान बढ़ाया है। -डॉ. रामजीत निषाद
मैंने तो परसों ही टिकट बुक करा लिया था। इसमें आधुनिक सुविधाएं हैं। लग ही नहीं रहा है कि ट्रेन में सवार हुए हैं। जो लोग हवाई जहाज से सफर नहीं कर सकते, उनके लिए यह ट्रेन एक अच्छा विकल्प है। -मोहम्मद शाकिर
गोरखपुर से लखनऊ की यात्रा के लिए अच्छी व्यवस्था हुई है। परसों टिकट चेक कर रहे थे। सीट मिली तो बुक करा लिए। लखनऊ जा रहे हैं, इसी ट्रेन से वापस भी आएंगे। मैंने वीडियो कॉल करके दोस्तों को भी दिखाया है।– किशन राय
लखनऊ तक आने जाने के लिए अच्छी सुविधा मिली है। इस ट्रेन से यात्रा में करने में किसी तरह की थकान नहीं होगी। यह गोरखपुर ही नहीं, लखनऊ के लोगों के लिए भी गौरव की बात है। -अनमोल सिंह
फ्लाइट में घबराहट होती है तो वंदे भारत बेहतर विकल्प
फ्लाइट में बैठने पर घबराहट महसूस होती है। पहली बार वंदेभारत ट्रेन में बैठी हूं। मुझे तो बहुत अच्छा लगा। सुविधाएं वैसी ही हैं, किराया भी कम और चार घंटे में ही लखनऊ पहुंचा देगी। अगर फ्लाइट से लखनऊ जाते हैं तब भी एक घंटे पहले पहुंचना और छूटने पर भी समय लगता है। मेरे हिसाब से तो यह बेहतर विकल्प है। -डॉ. श्वेता रंजन