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सीवर और जल कर के बकायेदारों को सरचार्ज में एक महीने तक छूट मिलेगी। एक महीने बाद करदाताओं को दो महीने तक सरचार्ज के साथ भुगतान करने का मौका दिया जाएगा। निर्धारित समय सीमा के बाद नगर निगम नोटिस जारी करके बकाया वसूल करेगा। इस फैसले पर मेयर अशोक तिवारी की अगुवाई वाली नगर निगम की कार्यकारिणी ने सोमवार को मुहर लगा दी। अब मामला नगर निगम सदन में जाएगा। सदन की मंजूरी मिलते ही व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। इस छूट का लाभ नगर निगम क्षेत्र के 1.96 लाख भवन स्वामियों को मिलेगा।
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वे बिना सरचार्ज के ही बकाये का भुगतान कर सकेंगे। सीवर व जल कर पर कुल बकाये की 15 फीसदी धनराशि सरचार्ज के रूप में देनी पड़ती है। सीवर कर पर चार फीसदी तो जल कर पर 11 फीसदी सरचार्ज लगता है। वाराणसी में सीवर व जल कर के एवज में 112 करोड़ रुपये वसूले जाने हैं। दूसरी तरफ कार्यकारिणी ने अब तक का सबसे बड़ा 843 करोड़ रुपये का बजट पास किया है। इससे शहर में विकास कराए जाएंगे। जलकल का सालाना बजट 176.85 करोड़ रुपये मंजूर किया गया है। नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक सोमवार को सात घंटे तक चली। इसमें कहा गया कि काशी आने वाले सैलानियों से रेल और बसों के टिकट के साथ यात्री कर वसूला जाता है, लेकिन इसका लाभ नगर निगम को नहीं मिलता है। अब रेलवे और परिवहन निगम को पत्र भेजकर यात्री कर जमा कराने को कहा जाएगा। शहर के विकास पर विस्तृत चर्चा भी हुई है। दरअसल, बैठक की शुरुआत में ही मेयर के तेवर तल्ख रहे। बकाया वसूली न होने पर नाराजगी जताई और कहा कि कर जमा कराने के प्रयास किए जा जाएं। इसके बाद ही एक माह के लिए सरचार्ज माफ करने का प्रस्ताव पास किया गया।
पहली बार खुद तय करने दें गृहकर
भाजपा पार्षद श्याम आसरे मौर्य ने कहा कि पहली बार जो गृहकर देना चाहते हैं, उन्हें खुद कर तय करने दें। इससे भवन स्वामी प्रेरित होंगे। वह कर निर्धारण करके जमा कराएंगे। सपा पार्षद हारून अंसारी ने सीवर सफाई का मुद्दा उठाया और व्यवस्था में सुधार की मांग रखी। इस मौके पर सपा से प्रमोद राय, भाजपा से श्याम आसरे मौर्या, नगर आयुक्त शिपू गिरि समेत सभी अधिकारी शामिल रहे।