डॉ. लालजी सिंह की 76वीं जयंती
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जंतु विज्ञान विभाग के जीन विज्ञानी प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने कहा कि डीएनए फिंगर प्रिंट के जनक डॉ. लालजी सिंह ने फॉरेंसिक साइंस और डीएनए टेस्टिंग में एक नई क्रांति की शुरूआत की थी। उन्होंने देश के सबसे चर्चित राजीव गांधी मर्डर केस, नैना साहनी, स्वामी श्रद्धानंद, सीएम बेअंत सिंह, मधुमिता मर्डर और मंटू मर्डर केस को भारतीय डीएनए फिंगर प्रिंट तकनीक के जरिये सुलझाया था।
वह बुधवार को विभाग की प्रयोगशाला में डॉ. लालजी सिंह की 76वीं जयंती पर संबोधित कर रहे थे। छात्रों एवं अध्यापकों ने डॉक्टर लालजी के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर नमन किया। डॉ. लालजी सिंह के शिष्य प्रो. ज्ञानेश्वर ने कहा कि बीएचयू से वह एक रुपये तनख्वाह लेते थे।
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उन्होंने 1988 में नई दिशा देने के लिए डीएनए फिंगर प्रिंट तकनीक को खोजा था। इस दौरान गोरखपुर विश्वविद्यालय के डॉ. अभय कुमार सिंह ने भी पूर्व कुलपति को नमन किया। इस दौरान डॉ. राहुल मिश्रा, प्रज्जवल प्रताप सिंह, वन्या सिंह, देबोश्रुति दास, प्रियदर्शिका प्रधान मौजूद रहे।