बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में राजकुमार यादव के परिजनों का बयान लेती पुलिस
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बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में छह दिन से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे व्यवसायी राजकुमार यादव (43) की सांस बुधवार को टूट गई। वहीं, राजकुमार को गोली मारने वाले दो शूटर सारनाथ थाने की पुलिस के लिए अबूझ पहेली बने हुए हैं। इसके साथ ही केस में नामजद सात आरोपियों पर भी पुलिस शिकंजा नहीं कस सकी है। इससे सारनाथ थाने की पुलिस की कार्यशैली गंभीर सवालों के घेरे में है।
आदमपुर थाना क्षेत्र के मुकीमगंज इलाके में रहने वाले ट्रांसपोर्टर और जमीन की खरीद-बिक्री का काम करने वाले राजकुमार यादव को बीते शुक्रवार को तिलमापुर क्षेत्र में रंगीलदास पोखरा चौराहा के समीप दो नकाबपोश बदमाशों ने तीन गोली मारी थी। पीठ और कनपटी पर गोली लगने से घायल राजकुमार को बीएचयू ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
पत्नी और बच्चों की हालत बेसुधों जैसी
उपचार के दौरान बुधवार को राजकुमार की मौत हो गई। राजकुमार को मृत घोषित किए जाते ही उनकी पत्नी ज्योति यादव और चारों बच्चों की हालत बेसुधों जैसी हो गई। परिजन बड़ी ही मुश्किल से उन्हें संभाले हुए थे। उधर, डीसीपी वरुणा जोन अमित कुमार ने बताया कि हत्या के प्रयास का मुकदमा हत्या में तरमीम किया जाएगा। पुलिस की तीन टीमें शूटरों और नामजद आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास में लगी हुई हैं।